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दिग्गज वैश्विक निवेशक मार्क मोबियस का मानना है कि अगर भारत अपनी मौजूदा नीति स्थिरता और आर्थिक सुधारों की दिशा में लगातार आगे बढ़ता रहा, तो वह न केवल तीसरी, बल्कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर हो सकता है। उन्होंने यह बात बुधवार को एक इंटरव्यू में कही।

भारत की अर्थव्यवस्था में अद्भुत प्रगति

मोबियस ने बताया कि कुछ ही वर्षों में भारत ने 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से छलांग लगाकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है। मौजूदा वक्त में भारत के आगे केवल चार देश हैं – अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी। लेकिन हालिया अनुमानों के अनुसार भारत जल्द ही इन दो देशों – जापान और जर्मनी – को भी पीछे छोड़ सकता है।

IMF का अनुमान: भारत की तेज़ रफ्तार विकास दर

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत की रियल जीडीपी फिलहाल 4.3 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि जापान की 4.4 ट्रिलियन डॉलर और जर्मनी की 4.9 ट्रिलियन डॉलर। भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत 2024 के अंत तक जापान को और 2027 तक जर्मनी को पछाड़ सकता है।

जनसंख्या, नीतिगत स्थिरता और मैन्युफैक्चरिंग बनेंगे भारत की ताकत

मोबियस के अनुसार भारत की जनसंख्या अब चीन से अधिक हो चुकी है और इस जनसांख्यिकीय लाभ का भारत को जबरदस्त फायदा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की जनसंख्या के सटीक आंकड़ों पर संदेह जताया जा रहा है और कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की असली जनसंख्या शायद 80 करोड़ से भी कम हो। वहीं भारत की जनसंख्या करीब 1.2 अरब है और औसत आयु भी अपेक्षाकृत कम है, जिससे श्रमबल अधिक ऊर्जावान और उत्पादक बनता है।

इसके अलावा, मोबियस ने कहा कि अगर भारत सरकार आयात से जुड़े टैरिफ और नॉन-टैरिफ प्रतिबंधों को हटाने की दिशा में आगे बढ़ती है, तो यह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई ऊंचाई तक ले जा सकता है। इससे रोजगार बढ़ेगा, निवेश आकर्षित होगा और भारत की आर्थिक नींव और मजबूत होगी।

भारतीय शेयर बाजार में रिकवरी के संकेत

वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने हाल के दिनों में सकारात्मक संकेत दिए हैं। मोबियस का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ नीति लागू होने से पहले ही भारतीय बाजार में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन अब उसमें सुधार के स्पष्ट संकेत नजर आ रहे हैं।

उनके मुताबिक यह समय है जब निवेशकों को अच्छी कंपनियों के शेयरों में निवेश करना चाहिए या पहले से लिए गए शेयरों को होल्ड करना चाहिए। बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एवरेजिंग की रणनीति अपनाने से लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

शेयर बाजार की हालिया चाल

बीते कुछ कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लगभग 4 प्रतिशत का रिटर्न दे चुके हैं, जिससे निवेशकों में एक नई उम्मीद जागी है। यह ट्रेंड बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल आंतरिक रूप से मजबूत हो रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी बन रही है।


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