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सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को अत्यंत शुभ और पुण्यदायी तिथि माना गया है। यह पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य का फल कभी समाप्त नहीं होता, इसीलिए इसे "अक्षय" तिथि कहा जाता है। इस दिन किए गए दान, तप, जप और पूजन का फल अक्षय होता है, यानी इसका प्रभाव जीवनभर बना रहता है।

अक्षय तृतीया 2025 में कब है?

अगर पंचांग के अनुसार देखें तो इस वर्ष अक्षय तृतीया 29 अप्रैल 2025 को शाम 5:32 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 2:25 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को महत्व देने के कारण अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त के भी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, अन्नप्राशन जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

इस साल कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?

2025 की अक्षय तृतीया विशेष इसलिए भी है क्योंकि इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं – सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग और रवि योग।

सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सिद्ध होते हैं और व्यक्ति को सभी प्रयासों में सफलता मिलती है।

शोभन योग 30 अप्रैल को दोपहर 12:02 बजे से शुरू होगा, जो इस दिन के मांगलिक कार्यों को और भी शुभ बना देगा।

रवि योग शाम 4:16 बजे से शुरू होगा, जो हर प्रकार के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त कर देता है और शुभ फल प्रदान करता है।

इन तीनों योगों के संयोग से यह अक्षय तृतीया अत्यंत लाभकारी बन रही है।

अक्षय तृतीया पर करें ये उपाय, चमकेगी किस्मत

इस पावन दिन पर कुछ खास उपाय अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है:

प्रातः स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दें – तांबे के पात्र में स्वच्छ जल भरकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को अर्घ्य दें।

सूर्य मंत्रों का जाप करें – अर्घ्य देते समय निम्न मंत्रों का उच्चारण करें:

"ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्र किरणाय मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा"

"ॐ भास्कराय विग्रहे महातेजाय धीमहि, तन्नो सूर्यः प्रचोदयात्"

धन स्थान पर दीपक जलाएं – तिजोरी या धन रखने की जगह पर दीपक प्रज्वलित करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धन वृद्धि होती है।

जरूरतमंदों को दान करें – अन्न, वस्त्र, जल और धन का दान इस दिन अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इससे पूर्वजों का आशीर्वाद और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

विशेष वस्तुओं का दान – तुलसी, घी, गुड़, चावल और सोने का दान विशेष फल देने वाला होता है। इससे न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि सांसारिक जीवन में भी उन्नति मिलती है।


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