
Times News Hindi,Digital Desk : अप्रैल में सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया और पहली बार 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ऊपर पहुंच गईं। हालांकि, उसके बाद से कीमतों में कुछ गिरावट आई, लेकिन अब भी इसे सस्ता कहना सही नहीं होगा। मंगलवार, 6 मई को, डॉलर की अस्थिरता और बाजार में बढ़ी हुई हाजिर मांग के कारण MCX गोल्ड इंडेक्स पर सोने का भाव 95,865 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा।
सोने के भाव में 40% गिरावट की संभावना क्यों जताई जा रही है?
पिछले एक साल में सोने ने निवेशकों को लगभग 30% का मुनाफा दिया है, और वर्ष 2001 से अब तक इसका औसत सालाना रिटर्न लगभग 15% रहा है। इसके बावजूद अमेरिकी रिसर्च फर्म मॉर्निंगस्टार के विश्लेषक जॉन मिल्स ने दावा किया है कि अगले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में करीब 40 फीसदी तक की गिरावट संभव है। यदि ऐसा हुआ तो भारत में सोने की कीमत वर्तमान 1 लाख रुपये से घटकर लगभग 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकती है।
गिरावट के संभावित कारण क्या हैं?
आपूर्ति में वृद्धि:
विश्व स्तर पर सोने की खनन कंपनियां लाभ में हैं और उत्पादन तेजी से बढ़ा रही हैं। 2024 की दूसरी तिमाही में प्रति औंस खनन लाभ 950 डॉलर तक पहुंच गया। अब वैश्विक स्वर्ण भंडार में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो कुल 2.16 लाख टन तक पहुंच गया है।
मांग में कमी:
विश्व स्वर्ण परिषद की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के केंद्रीय बैंक अब पहले की तरह बड़े स्तर पर सोना खरीदने के इच्छुक नहीं हैं। एक सर्वेक्षण में 71 प्रतिशत केंद्रीय बैंकों ने साफ किया है कि वे या तो सोने की खरीद में कटौती करेंगे या खरीद की मौजूदा दर को ही जारी रखेंगे।
बाजार "शीर्ष" स्थिति में:
वर्ष 2024 में सोने के क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण (M&A) गतिविधियों में 32 प्रतिशत वृद्धि हुई है। यह कंपनियों के बीच आम सहमति दर्शाता है कि सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर के करीब हैं और यहां से ऊपर जाने की गुंजाइश कम है।
इन कारणों के चलते विश्लेषक सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं। निवेशकों के लिए जरूरी होगा कि वे इन संभावनाओं को ध्यान में रखकर ही अपने निवेश के फैसले लें।
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