
Gold Price Today : सोने की कीमतें रुकने का नाम नहीं ले रहीं। बीते कुछ हफ्तों में इसमें जो तेजी आई है, वह न सिर्फ निवेशकों को चौंका रही है, बल्कि आम लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर रही है—क्या अब गोल्ड में निवेश करना फायदेमंद रहेगा? क्या वाकई 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा जल्द ही सच्चाई बन जाएगा?
MCX पर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा गोल्ड
17 अप्रैल, गुरुवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जून 2025 डिलिवरी वाला गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग के शुरुआती घंटे में 95,894 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर रहा। सुबह 9:30 बजे तक इसका रेट 95,869 रुपये था, जोकि 0.22% की तेजी को दर्शाता है। इससे ठीक एक दिन पहले, बुधवार को भी MCX पर गोल्ड ने 95,740 रुपये का नया उच्चतम स्तर बनाया था और दिन के अंत में यह 2.42% की बढ़त के साथ 95,710 रुपये पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी दिखा जबरदस्त उछाल
यह सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने रिकॉर्ड स्तर को छुआ। हाजिर सोना (Spot Gold) $3,357.40 प्रति औंस तक गया, हालांकि बाद में मुनाफावसूली के कारण इसमें हल्की गिरावट आई और यह $3,339.37 पर बंद हुआ। वहीं, यूएस गोल्ड फ्यूचर्स में भी 0.2% की बढ़त रही और इसका रेट $3,351.50 तक पहुंच गया। चांदी (Spot Silver) भी $32.43 प्रति औंस पर हल्की गिरावट के साथ ट्रेड करती नजर आई।
दिल्ली के सर्राफा बाजार में भी तेजी
घरेलू बाजार की बात करें तो दिल्ली में भी सोने ने नया रिकॉर्ड बना दिया। बुधवार को इसकी कीमत 1,650 रुपये बढ़कर 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा रेट है। मंगलवार को इसकी कीमत 96,450 रुपये थी। वहीं, चांदी में भी 1,900 रुपये की जबरदस्त तेजी देखने को मिली और वह 99,400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई।
आईबीजेए (इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन) के मुताबिक, फिलहाल 24 कैरेट गोल्ड का रेट 94,579 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि जनवरी की शुरुआत में यह केवल 76,162 रुपये था। यानी साल की शुरुआत से अब तक सोने में करीब 24% की जबरदस्त तेजी आ चुकी है।
क्या कारण हैं इस उछाल के पीछे?
इस तेज़ी के कई कारण हैं, लेकिन सबसे अहम है वैश्विक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर ने निवेशकों को डरा दिया है। ट्रंप सरकार ने चीन से आने वाले कई उत्पादों पर टैरिफ 245% तक बढ़ा दिया है, जिससे मार्केट में डर और अनिश्चितता का माहौल बन गया है।
साथ ही, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी भी सोने की कीमतों को सपोर्ट दे रही है। डॉलर इंडेक्स पिछले तीन सालों के सबसे निचले स्तर पर है, जिसकी वजह से निवेशक सेफ एसेट के रूप में सोने की ओर भाग रहे हैं। ट्रंप द्वारा चिप्स, दवाइयों और मिनरल्स के इम्पोर्ट पर नए टैरिफ लगाने की संभावनाओं ने बाजार में और भी चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में गोल्ड में निवेश एक सुरक्षित विकल्प बनता जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय: अभी और चढ़ सकता है सोना
कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट कायनात चैनवाला, जो कोटक सिक्योरिटीज से जुड़ी हैं, का मानना है कि जब तक ट्रेड वॉर का कोई ठोस हल नहीं निकलता और तनाव कम नहीं होता, तब तक सोने की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं। वहीं, ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs ने अनुमान लगाया है कि साल के अंत तक सोने की कीमत $3,700 प्रति औंस तक जा सकती है। यानी अब भी इसमें ग्रोथ की अच्छी संभावना है।
क्या यह निवेश का सही समय है?
सोने को सदियों से सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता रहा है। जब भी बाजार में डर या अनिश्चितता का माहौल होता है, लोग गोल्ड की तरफ दौड़ लगाते हैं। इस समय भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा अब दूर नहीं लगता। अगर आप लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रहे हैं और अपने पोर्टफोलियो में थोड़ा स्थिरता चाहते हैं, तो सोना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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