
US-China Trade War Impact : ग्लोबल मार्केट रिसर्च कंपनी IDC के ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 की पहली तिमाही में चीन में एप्पल के स्मार्टफोन शिपमेंट में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह आंकड़ा घटकर अब सिर्फ 9.8 मिलियन यूनिट रह गया है, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 10.7 मिलियन यूनिट था। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार बना हुआ है। इस दौरान एप्पल एकमात्र ऐसी प्रमुख कंपनी रही जिसकी शिपमेंट में गिरावट आई है, जो चीन में कंपनी के लिए बढ़ती चुनौती को दर्शाता है।
बाजार हिस्सेदारी में भी नुकसान
शिपमेंट के साथ-साथ एप्पल की बाजार हिस्सेदारी में भी तेज गिरावट दर्ज की गई है। पिछली तिमाही में जहां इसकी हिस्सेदारी 17.4 प्रतिशत थी, वहीं अब यह घटकर मात्र 13.7 प्रतिशत रह गई है। यह लगातार सातवीं तिमाही है जब एप्पल को चीन में गिरावट का सामना करना पड़ा है। इस ट्रेंड को देखते हुए यह स्पष्ट है कि अमेरिकी टेक कंपनी के लिए चीन में पैर जमाए रखना अब पहले जितना आसान नहीं रह गया है।
शाओमी ने दिखाया दम, शिपमेंट में जबरदस्त उछाल
दूसरी ओर, घरेलू स्मार्टफोन कंपनी शाओमी ने इस दौरान बाज़ार में बड़ी छलांग लगाई है। IDC की रिपोर्ट के मुताबिक, शाओमी के शिपमेंट में 40 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है, जो अब 13.3 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है। यह सफलता सरकार द्वारा जनवरी में शुरू की गई नई सब्सिडी योजनाओं का भी परिणाम है, जिसके चलते पूरे चीनी स्मार्टफोन बाजार में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली।
अमेरिका-चीन तनाव बना सबसे बड़ी चुनौती
IDC एशिया/पैसिफिक के क्लाइंट डिवाइसेज़ के वरिष्ठ शोध प्रबंधक विल वोंग का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव ने इस परिस्थिति को और मुश्किल बना दिया है। उन्होंने कहा कि इन तनावों ने टेक कंपनियों के लिए कई परेशानियां खड़ी की हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि साल की पहली तिमाही में आई यह मामूली वृद्धि कंपनियों को आगे की तिमाहियों में आने वाली चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने का अवसर दे सकती है।
भारत की ओर एप्पल का रुख
चीन में लगातार संघर्ष के बीच, एप्पल अब भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब के रूप में देख रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एप्पल भारत से अमेरिका को आईफोन निर्यात बढ़ाने की संभावनाएं तलाश रहा है। भारत में अमेरिकी टैक्स दर केवल 26 प्रतिशत है, जो चीन की तुलना में काफी कम है। इस कारण भारत एप्पल के लिए एक अधिक लागत प्रभावी विकल्प बनकर उभर रहा है।
2024-25 में भारत से 1.5 लाख करोड़ रुपये के iPhone का निर्यात
हाल ही में सामने आए औद्योगिक आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान एप्पल इंडिया ने अपनी लोकल सप्लाई चेन से आईफोन उत्पादन में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसका कुल कारोबार 1.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इसी अवधि में भारत से लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात किया गया है।
Read More: वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड: भारत में विकास पर केंद्रित, वैश्विक अवसरों के लिए तत्पर