दिवाली नजदीक है और इस मौके पर घर की साफ-सफाई और रंग-रोगन करने की परंपरा है। यह समय न केवल घर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने का है, बल्कि रंगों के जरिए इसे सकारात्मकता और खुशियों से भरने का भी है। रंग दुनिया के रंग को बढ़ाते हैं और अगर ये रंग आध्यात्मिकता से भरे हों तो जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
वास्तु नियमों का पालन करें:
वास्तु शास्त्र के अनुसार रंगों के उचित प्रयोग से हम अपने जीवन और घर से वास्तु दोषों को दूर कर सकते हैं। दिवाली के इस पावन त्योहार पर अगर हम अपने घर को सही रंगों से सजाएं तो हमें न केवल मानसिक शांति मिलेगी बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा भी आएगी।
निर्देशों के अनुसार उपयुक्त रंग:
पूर्व दिशा: दिवाली पर इस दिशा में सफेद रंग का प्रयोग करने से आपके घर में रोशनी और खुशहाली आती है। घर की पूर्व दिशा के लिए सफेद रंग चुनें, सफेद रंग पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
पश्चिम दिशा: जब आप दिवाली के मौके पर घर को सजाने का फैसला करें तो घर की पश्चिम दिशा में नीले रंग का इस्तेमाल करें। नीला रंग शांति और स्थिरता का प्रतीक है, यह घर के वातावरण को संतुलित करता है।
उत्तर दिशा: हरा रंग प्राकृतिकता और विकास का प्रतीक है, जो जीवन में प्रगति और समृद्धि लाने में मदद करता है। दिवाली पर घर की उत्तर दिशा को हरे रंग से सजाने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे आपके साथ घर के सभी लोगों को नई ऊर्जा मिलेगी।
दक्षिण दिशा : दक्षिण दिशा में लाल या गुलाबी रंग शुभ होता है। लाल शक्ति और शक्ति का प्रतीक है, जबकि गुलाबी प्रेम और भक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। दिवाली पर आप इन रंगों से अपने घर में खुशनुमा माहौल बना सकते हैं।
दक्षिण पूर्व: दिवाली के विशेष अवसर पर इस दिशा को भूरे या गुलाबी रंग से रंग दें। यह रंग समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मकता का प्रतीक है। ये सभी आपको घर पहुंचाने में मदद करेंगे।
दक्षिण पश्चिम: इस दिशा के लिए पीला और मटमैला रंग सर्वोत्तम है। ये रंग सुरक्षा और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि इस दिशा में गलत रंग का प्रयोग किया जाए तो इससे तनाव उत्पन्न हो सकता है।
उत्तर पूर्व : यह भाग पीला या हल्का नारंगी रंग का होना चाहिए। ये रंग ज्ञान और समृद्धि की प्रेरणा देते हैं। दिवाली पर घर को इन रंगों से सजाने से न सिर्फ आंतरिक संतुष्टि मिलती है बल्कि यह चमकदार और जीवंत भी बनता है।
उत्तर पश्चिम : यहां सफेद और नीला रंग वास्तु के लिए उपयुक्त है। सफेद रंग पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जबकि नीला रंग शांति और स्थिरता का प्रतीक है।
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