
Garlic For High Cholesterol : आजकल हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या तेजी से बढ़ रही है और यह दिल की बीमारियों के मुख्य कारणों में से एक बन चुकी है। भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान और तनाव भरी दिनचर्या के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर असंतुलित हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी रसोई में रखा साधारण सा दिखने वाला लहसुन इस गंभीर समस्या का आसान और प्राकृतिक समाधान हो सकता है?
लहसुन न सिर्फ एक स्वाद बढ़ाने वाला मसाला है, बल्कि यह सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें मौजूद औषधीय गुणों की वजह से इसे आयुर्वेद में भी काफी अहम माना गया है। खासतौर पर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और दिल की सेहत सुधारने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। आइए विस्तार से जानते हैं लहसुन किस तरह से हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, और इसे खाने का सही तरीका क्या है।
लहसुन कैसे करता है हाई कोलेस्ट्रॉल को कम?
लहसुन में एक खास यौगिक होता है जिसे ऐलिसिन (Allicin) कहा जाता है। यह यौगिक अपने शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। ऐलिसिन शरीर में जाकर खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित करता है: लहसुन के नियमित सेवन से शरीर में वसा जमा होने की प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है।
धमनियों की सफाई में सहायक: लहसुन की वजह से ब्लड वेसेल्स में जमी प्लाक धीरे-धीरे साफ होती है। इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है और दिल को अधिक ऑक्सीजन और पोषण मिल पाता है।
रक्त संचार को दुरुस्त करता है: बेहतर ब्लड सर्कुलेशन से न केवल दिल मजबूत बनता है, बल्कि ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है।
दिल को मजबूत बनाने में लहसुन का योगदान
लहसुन सिर्फ कोलेस्ट्रॉल पर ही नहीं, बल्कि संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालता है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है, जो कि हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है।
ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण: कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि लहसुन में मौजूद सल्फर यौगिक रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है।
धमनियों की लचीलापन बनाए रखता है: उम्र बढ़ने के साथ हमारी धमनियों में कठोरता आने लगती है। लहसुन का नियमित सेवन इस प्रक्रिया को धीमा करता है और धमनियों को स्वस्थ बनाए रखता है।
थक्का बनने की संभावना घटाता है: लहसुन में एंटी-क्लॉटिंग गुण होते हैं, जो खून के थक्के बनने से रोकते हैं। इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का रिस्क कम होता है।
लहसुन खाने का सही तरीका: प्रभाव को दोगुना करने के लिए अपनाएं ये उपाय
लहसुन को अगर सही तरीके से खाया जाए, तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं कि लहसुन को कब, कैसे और किस रूप में खाना सबसे ज्यादा असरदार होता है।
1. खाली पेट कच्चा लहसुन खाना
सुबह के समय खाली पेट कच्चा लहसुन चबाना बेहद फायदेमंद माना जाता है। एक या दो लहसुन की कलियां चबाकर पानी पीने से इसके पोषक तत्व सीधे रक्त में अवशोषित होते हैं। इससे न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म भी सुधरता है और शरीर में सूजन की समस्या भी कम होती है।
ध्यान रखें कि लहसुन को चबाकर ही खाएं, ताकि ऐलिसिन अच्छी तरह सक्रिय हो सके।
अगर इसका तीखापन सहन नहीं होता, तो इसे थोड़ा सा गुड़ या किशमिश के साथ खा सकते हैं।
2. शहद के साथ लहसुन लेना
अगर आप लहसुन का स्वाद थोड़ा बेहतर बनाना चाहते हैं तो इसे शहद के साथ लें। एक चम्मच शहद में कद्दूकस किया हुआ लहसुन मिलाकर खाने से यह शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में दोगुना असर करता है।
यह मिश्रण खासकर सर्दियों में बहुत लाभकारी होता है।
इसे सुबह-सुबह खाली पेट लेना सबसे ज्यादा असरकारक होता है।
3. लहसुन का पानी पीना
एक गिलास गुनगुने पानी में एक या दो लहसुन की कलियां कूटकर डालें और 5 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इसे छानकर पिएं। यह शरीर को डिटॉक्स करता है, पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
इस पानी को रोज सुबह पीने से शरीर में फैट जमा नहीं होता।
यह उपाय उन लोगों के लिए खास है जो मोटापे के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं।
4. लहसुन को ज्यादा न पकाएं
लहसुन के औषधीय गुण गर्मी से नष्ट हो सकते हैं, इसलिए इसे बहुत ज्यादा न पकाएं। इसे सलाद में कच्चा डालें, या हल्का भूनकर सब्जियों में मिलाएं। ज्यादा उबालने या तलने से इसका ऐलिसिन खत्म हो सकता है।
आप इसे टोस्ट पर रगड़कर भी खा सकते हैं।
लहसुन की चटनी या अचार भी अच्छी विकल्प हो सकते हैं, बशर्ते ज्यादा नमक और तेल न हो।
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