
Apple moves iPhone production to India : Apple ने भारत में बड़ी सफलता हासिल की है, और अब यह टेक दिग्गज अपने प्रतिष्ठित iPhone की मैन्युफैक्चरिंग में भारत को एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभारने में जुट गई है। हाल ही में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, Apple ने वित्तीय वर्ष 2024 में भारत में करीब 22 बिलियन डॉलर की कीमत के iPhones का उत्पादन किया है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 60% अधिक है। यह आंकड़ा न केवल प्रभावशाली है, बल्कि Apple की उस दीर्घकालिक रणनीति की पुष्टि करता है, जिसके तहत वह चीन पर निर्भरता कम कर अन्य देशों में उत्पादन बढ़ा रही है।
भारत में iPhone उत्पादन का विस्तार
जानकारी के अनुसार, Apple अब अपने कुल iPhone प्रोडक्शन का 20% यानी हर पांच में से एक iPhone भारत में बना रहा है। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध कदम है, जो कोविड महामारी के समय चीन में लगे कड़े लॉकडाउन के चलते हुए प्रोडक्शन संकट के बाद उठाया गया। उसी दौरान Apple और उसके सप्लायर्स ने भारत की ओर रुख करना शुरू किया।
कहां बनते हैं भारत में iPhones?
भारत में बने अधिकांश iPhone दक्षिण भारत में स्थित Foxconn Technology Group की फैक्ट्री में असेंबल किए जाते हैं। इसके साथ ही, Apple के अन्य सप्लायर्स जैसे टाटा ग्रुप की इलेक्ट्रॉनिक्स यूनिट, जो अब Wistron Corp का संचालन करती है, और Pegatron Corp भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं। इन कंपनियों ने भारत में निवेश कर Apple की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
निर्यात में भी जबरदस्त उछाल
भारत सरकार के आईटी मंत्री ने 8 अप्रैल को जानकारी दी कि मार्च 2025 तक के वित्तीय वर्ष में Apple ने भारत से करीब 1.5 ट्रिलियन रुपये (लगभग 17.4 बिलियन डॉलर) के iPhones का निर्यात किया है। इस निर्यात में वृद्धि तब और तेज हो गई जब फरवरी में अमेरिका और भारत के बीच 'रेसिप्रोकल टैरिफ' की योजनाओं की घोषणा हुई। इसके बाद से अमेरिका को भेजे जाने वाले iPhone की शिपमेंट में तेजी देखी गई।
अमेरिकी मार्केट के लिए भारत बना प्राथमिक केंद्र
Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, Apple अब अमेरिका में अपने ग्राहकों के लिए भारत में बने iPhones को प्राथमिकता दे रहा है। इस रणनीति के तहत भारत से निर्यात किए जाने वाले iPhones पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जा रहा, जिससे Apple और उसके सप्लायर्स को लागत कम करने में मदद मिल रही है।
चीन की तुलना में भारत की भूमिका
Apple के CEO टिम कुक ने कई बार चीन की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं की प्रशंसा की है, लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं। Bloomberg Intelligence का अनुमान है कि Apple को अपनी कुल उत्पादन क्षमता का सिर्फ 10% हिस्सा चीन से बाहर शिफ्ट करने में करीब 8 साल लगेंगे। लेकिन भारत की प्रगति को देखते हुए यह समयसीमा घट भी सकती है।
अब भारत में बन रहे हैं iPhone के प्रीमियम मॉडल
Apple अब भारत में अपने सभी रेंज के iPhones असेंबल कर रहा है, जिनमें महंगे टाइटेनियम प्रो मॉडल भी शामिल हैं। यह संकेत है कि भारत केवल बेसिक मॉडल्स तक सीमित नहीं है, बल्कि हाई-एंड टेक्नोलॉजी का निर्माण भी यहीं हो रहा है।
सरकार की योजनाओं से मिला बड़ा समर्थन
Apple की भारत में मैन्युफैक्चरिंग सफलता का एक बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को भी जाता है। सरकार ने 'मेक इन इंडिया' के तहत विभिन्न सब्सिडी और प्रोत्साहनों की पेशकश की है, ताकि वैश्विक कंपनियां भारत में निर्माण केंद्र स्थापित करें। हाल ही में सरकार ने $2.7 बिलियन की नई वित्तीय सहायता की घोषणा की है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को और बढ़ावा देगा।
भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षा
भारत सिर्फ iPhone निर्माण तक ही सीमित नहीं रहना चाहता। सरकार अब सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में भी कदम रखने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसके लिए नीति, निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
भारतीय बाजार में Apple की स्थिति
हालांकि भारत में स्मार्टफोन बाजार में Apple की हिस्सेदारी अभी 8% के आसपास है, लेकिन प्रीमियम सेगमेंट में इसका दबदबा लगातार बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2024 में भारत में iPhone की बिक्री करीब $8 बिलियन तक पहुंच गई है। इसका अर्थ है कि Apple भारत को न सिर्फ एक निर्माण केंद्र के रूप में, बल्कि एक मजबूत उपभोक्ता बाजार के रूप में भी देख रहा है।
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