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पानदान का पत्ता कुछ ही लोग समझ पाते हैं। भारत में इसे बिरयानी पत्ती, बासमती पत्ती या अन्नपूर्णा पत्ती के नाम से भी जाना जाता है।  

इन पत्तियों का उपयोग मलेशिया, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे देशों में भोजन को विशेष स्वाद प्रदान करने के लिए किया जाता है। इन पत्तियों में भरपूर मात्रा में औषधीय गुण होते हैं जो स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए अच्छे परिणाम देते हैं।  

अन्नपूर्णा के पत्तों का रंग और स्वाद अच्छा होता है। इन पत्तियों का उपयोग भोजन को विशेष स्वाद और सुगंध प्रदान करने के लिए खाना पकाने में किया जाता है। इन पत्तियों का उपयोग भारतीय व्यंजनों में भी किया जाता है।  

ये पत्तियां काफी एंटीफंगल और संक्रमण प्रतिरोधी होती हैं। इन पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व और औषधीय गुण शरीर से अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करते हैं।  

 

पानदान की पत्तियां जलन, पसीने के छाले और खुजली जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी एक अच्छे उपचार के रूप में काम करती हैं।  

 

बच्चे के जन्म के बाद की समस्याओं को कम करने के लिए बच्चे के लिए पके हुए भोजन में इसे थोड़ा सा शामिल करने की सलाह दी जाती है। साथ ही महिलाएं इन पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से भी दर्द को कम कर सकती हैं। ये पत्तियां गठिया और सिरदर्द की समस्या को कम करती हैं।  

ये पत्तियां एंटीसेप्टिक का भी काम करती हैं। यदि इसका पानी घर के कोनों में छिड़क दिया जाए तो कॉकरोच, मच्छर और मक्खी जैसे हानिकारक कीड़े नहीं आएंगे।  

 

अन्नपूर्णा की पत्तियों को एक गिलास पानी और एक चुटकी नमक के साथ पानी में भिगोकर सुबह पीने से कब्ज, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अनिद्रा, तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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