
भारत और सोने का रिश्ता नया नहीं है। सदियों से यह धातु भारतीय संस्कृति, परंपराओं और विशेष अवसरों का अभिन्न हिस्सा रही है। लेकिन अब समय के साथ इस रिश्ते में एक नया मोड़ आ गया है। आज लोग सोने को केवल श्रृंगार का प्रतीक नहीं, बल्कि एक मजबूत निवेश विकल्प के रूप में भी देखने लगे हैं।
सोने की भूमिका में आया बदलाव
अब जब भी बाजार में सोने की कीमतें ऊपर-नीचे होती हैं, तो लोग पहले की तरह केवल जेवर खरीदने पर नहीं टिके रहते। अब उनकी नजरें उन विकल्पों पर भी होती हैं, जो उन्हें भविष्य में बेहतर रिटर्न दे सकें। यही वजह है कि गोल्ड बार और सिक्कों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
ज्वेलरी कारोबारियों के लिए चुनौतीपूर्ण समय
जहां एक ओर गोल्ड बार और सिक्कों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है, वहीं ज्वेलरी कारोबारियों के लिए यह स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण बन गई है। दरअसल, ज्वेलर्स को सोने के जेवर पर 'मेकिंग चार्ज' के जरिए अच्छा मुनाफा होता है, लेकिन बार और सिक्कों की बिक्री पर मार्जिन काफी कम होता है।
साथ ही, जिस तरह से स्टडेड (जड़े हुए) ज्वेलरी की मांग धीमी हो रही है, उससे भी ज्वेलरी ब्रांड्स की टॉपलाइन ग्रोथ और लाभ में दबाव साफ नजर आने लगा है। यदि यह ट्रेंड लंबे समय तक जारी रहा, तो आने वाले दिनों में इन कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी पर बड़ा असर पड़ सकता है।
टाइटन की ग्रोथ और उपभोक्ताओं की सोच में बदलाव
टाइटन कंपनी की बात करें तो इसके चौथी तिमाही के आंकड़े बहुत कुछ बयां कर देते हैं। टाइटन के घरेलू आभूषण कारोबार ने 24% की सालाना ग्रोथ दर्ज की, जो मुख्य रूप से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते है।
खास बात यह है कि सादे सोने के गहनों की बिक्री में 27% की ग्रोथ आई, जबकि सोने के सिक्कों की बिक्री ने 65% की जबरदस्त छलांग लगाई। यह बदलाव यह दिखाता है कि अब लोग सोने की सुंदरता के साथ-साथ उसकी वैल्यू को भी समझ रहे हैं और निवेश के रूप में अपनाने लगे हैं।
पिछली तिमाही यानी Q3 में भी यही पैटर्न देखा गया था – सोने के आभूषणों की बिक्री 24% बढ़ी थी और सिक्कों की बिक्री में 48% का इजाफा हुआ था। वहीं स्टडेड ज्वेलरी की हिस्सेदारी में 1% की गिरावट आई है। यह दिखाता है कि अब लोग ज्यादा सिंपल और निवेश-योग्य विकल्पों की ओर झुकाव दिखा रहे हैं।
सेन्को गोल्ड: शादियों का मौसम और बढ़ी डिमांड
सेन्को गोल्ड ने भी ताजा आंकड़ों के आधार पर चौथी तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। शादियों का सीजन और मजबूत कंज्यूमर डिमांड इसके पीछे मुख्य वजह रही है।
कंपनी ने रिटेल कारोबार में 23% सालाना ग्रोथ हासिल की, जबकि समान स्टोर सेल्स में 18.4% की ग्रोथ रही। ये आंकड़े इसलिए भी खास हैं क्योंकि ये बढ़त सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद हासिल की गई है।
सेन्को गोल्ड ने इस तिमाही में अब तक का सबसे अधिक रेवेन्यू कमाया – 1,300 करोड़ रुपये से ज्यादा। इसमें गोल्ड सिक्कों और बुलियन की बिक्री ने 4% का योगदान दिया, जो यह साबित करता है कि ग्राहक अब आभूषण से आगे बढ़कर सोने को एक मजबूत निवेश विकल्प के तौर पर भी अपना रहे हैं।
PN गाडगिल की भविष्यवाणी: निवेश की ओर बढ़ता झुकाव
PN गाडगिल के मुताबिक, भारत में सोने की खपत के तरीके में बड़ा बदलाव आने वाला है। उनके अनुमानों के अनुसार, जहां 2023 में गोल्ड बार और सिक्कों की बिक्री कुल सोने की खपत का 34% थी, वह 2028 तक बढ़कर 38% तक पहुंच सकती है।
इसका सीधा मतलब यह है कि लोग आभूषणों की बजाय निवेश-योग्य गोल्ड फॉर्म पर ज्यादा भरोसा दिखाएंगे। हालांकि, आभूषणों की पारंपरिक भूमिका बनी रहेगी, लेकिन उसके साथ-साथ निवेश का पहलू भी तेजी से उभर रहा है।
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