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नीम का नाम सुनते ही अधिकतर लोगों के चेहरे पर कसैले स्वाद की छवि उभर आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी नीम भी होती है, जो न केवल स्वाद में अलग है, बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है? हम बात कर रहे हैं मीठी नीम की, जिसे आमतौर पर करी पत्ता या कढ़ी पत्ता के नाम से जाना जाता है। इसकी पत्तियां सुगंधित होती हैं और भारतीय व्यंजनों में खासतौर पर दक्षिण भारत की रेसिपीज़ में इसका उपयोग बड़े चाव से किया जाता है।

करी पत्ता को सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाला मसाला मानना गलत होगा। यह पत्ता कई बीमारियों से लड़ने की ताकत रखता है। इसके पीछे इसका पोषण भरा हुआ प्रोफाइल है। इस लेख में जानिए कैसे करी पत्ता स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी खजाना है।

करी पत्ता की पहचान और उत्पत्ति

करी पत्ता का वैज्ञानिक नाम मुराया कोएनिजी है। यह पौधा भारत और श्रीलंका में खासतौर पर पाया जाता है। भारत के दक्षिणी हिस्सों में यह पेड़ अधिक देखने को मिलता है, और शायद यही कारण है कि वहां के लगभग हर व्यंजन में इसकी छौंक देखी जाती है। इस पौधे की ऊंचाई 2 से 4 मीटर तक होती है, और इसे बीज या नन्हे पौधों से आसानी से घर के बगीचे या गमले में उगाया जा सकता है।

आयुर्वेद में करी पत्ता की भूमिका

भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति, यानी आयुर्वेद में करी पत्ता का विशिष्ट स्थान है। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा और पाचन से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। लेकिन करी पत्ता इन सभी समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक समाधान प्रदान करता है। इसके नियमित सेवन से न केवल इन रोगों से राहत मिलती है, बल्कि शरीर को आवश्यक पोषण भी मिलता है।

पोषक तत्वों से भरपूर करी पत्ता

करी पत्ता विटामिन ए, बी, सी और ई से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिज तत्व भी मौजूद होते हैं। यही पोषक तत्व इसे एक सम्पूर्ण स्वास्थ्यवर्धक हर्ब बनाते हैं। करी पत्ता आंखों की रोशनी बढ़ाने, त्वचा की देखभाल, और पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है। यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक माना गया है।

आंखों के लिए लाभदायक

करी पत्ता आंखों की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसे सुबह खाली पेट चबाया जाए, तो आंखों से जुड़ी कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। यह आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है और थकान को भी कम करता है। जिन लोगों को लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने काम करना होता है, उनके लिए करी पत्ता एक आसान और प्राकृतिक उपाय हो सकता है।

पाचन क्रिया को बनाए दुरुस्त

मीठी नीम यानी करी पत्ता पाचन प्रक्रिया में भी सहायक होता है। इसमें मौजूद रेशे पाचन रसों के स्राव को बढ़ाते हैं, जिससे खाना अच्छी तरह से पचता है। जो लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह पत्ता किसी वरदान से कम नहीं। इसका सेवन पेट को साफ रखने में मदद करता है और आंतों की सफाई में योगदान देता है।

संक्रमण से सुरक्षा में सहायक

करी पत्ता में एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और सर्दी-जुकाम जैसी आम समस्याओं से लड़ने में भी मदद करता है। इसका नियमित उपयोग शरीर को अंदर से साफ और ताजगी से भर देता है।


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