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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ने लोगों को ना सिर्फ शारीरिक रूप से थका दिया है, बल्कि मानसिक रूप से भी लोगों को कमजोर बना दिया है। लगातार बढ़ता वर्कलोड, सोशल मीडिया की लत, रिश्तों में तनाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने मेंटल स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को बेहद आम बना दिया है। ऐसे में लोग अपनी बिगड़ती सेहत को लेकर और भी ज्यादा परेशान हो जाते हैं, जो नींद न आने जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म देती है। नींद की कमी सिर्फ थकान नहीं लाती, बल्कि यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज जैसी जानलेवा बीमारियों की भी जड़ बन सकती है।

लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए अक्सर दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन ये दवाएं कुछ समय के लिए राहत तो देती हैं, पर लंबे समय तक इस्तेमाल करना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसी वजह से आज हम आपके लिए एक बेहद आसान, नेचुरल और असरदार उपाय लेकर आए हैं, जो आपकी नींद और तनाव—दोनों का समाधान कर सकता है। इसका नाम है 4-7-8 ब्रीदिंग टेक्निक।

क्या है 4-7-8 ब्रीदिंग टेक्निक?

हो सकता है आपने वजन घटाने, स्किन केयर या फिटनेस को लेकर कई तरह के नंबर मैथड देखे और अपनाए हों, लेकिन ये मैथड आपकी नींद से जुड़ा है। 4-7-8 ब्रीदिंग टेक्निक को मशहूर हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. एंड्रू वील ने डेवलप किया है, और यह तकनीक योग और प्राचीन प्राणायाम से प्रेरित है।

इस टेक्निक का मकसद है आपके शरीर को पूरी तरह से रिलैक्स करना, आपके दिल की धड़कन को नियंत्रित करना और आपके मस्तिष्क को नींद के लिए तैयार करना। इसका तरीका बेहद आसान है:

4 सेकंड तक नाक से गहरी सांस लें।

7 सेकंड तक उस सांस को अंदर रोके रखें।

फिर 8 सेकंड तक धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें।

इस प्रक्रिया को 2 से 4 बार दोहराएं और आप महसूस करेंगे कि आपका शरीर धीरे-धीरे शांत होता जा रहा है।

कैसे काम करती है यह टेक्निक?

यह मैथड कोई मैजिक नहीं, बल्कि साइंस पर आधारित है। जब आप गहरी सांस लेते हैं और उसे कुछ देर रोककर छोड़ते हैं, तो इससे शरीर की पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव होती है, जो आपके शरीर को शांत और रिलैक्स करती है। यही वो सिस्टम है जो आपको "फाइट और फ्लाइट" मोड से बाहर निकालकर "रेस्ट और डाइजेस्ट" मोड में लाती है।

हार्ट रेट कम होता है, जिससे शरीर को आराम मिलता है।

ब्लड प्रेशर स्थिर होता है, जिससे सिरदर्द और बेचैनी कम होती है।

कॉर्टिसोल (Stress Hormone) का लेवल घटता है, जिससे तनाव में राहत मिलती है।

मस्तिष्क को सिग्नल मिलता है कि अब सोने का समय है।

इसके अलावा यह टेक्निक एंग्जायटी, पैनिक अटैक और हाई स्ट्रेस लेवल को कम करने में भी मददगार है।

सिर्फ नींद ही नहीं, स्ट्रेस को भी करता है कंट्रोल

आपको लगेगा कि ये मैथड सिर्फ सोने के लिए है, लेकिन असल में इसका असर आपके पूरे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। अगर आप इसे रोजाना करते हैं, तो धीरे-धीरे यह आपकी नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है और आपको इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाता है।

जो लोग बार-बार नेगेटिव सोच में उलझ जाते हैं, जिन्हें छोटी बातों पर घबराहट होती है, या जो हर समय थके-थके रहते हैं, उनके लिए ये मैथड एक वरदान साबित हो सकता है।

ये किसी भी वक्त किया जा सकता है — सुबह उठते ही, ऑफिस ब्रेक में या सोने से पहले। इसके लिए ना आपको किसी इक्विपमेंट की जरूरत है, ना ज्यादा समय की। बस 1-2 मिनट में ही आप खुद को फिर से तरोताजा महसूस कर सकते हैं।

युवाओं में क्यों बढ़ रही है ये समस्या?

आजकल का युवा वर्ग, जो पहले सबसे ज्यादा एनर्जेटिक माना जाता था, अब मेंटल हेल्थ के मामलों में सबसे ज्यादा पीड़ित नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की गिनती, करियर का प्रेशर, रिलेशनशिप की जटिलताएं और अकेलापन—इन सब वजहों से आज की युवा पीढ़ी बुरी तरह से मानसिक तनाव की गिरफ्त में है।

स्टडीज़ बताती हैं कि हर तीन में से एक युवा डिप्रेशन या एंग्जायटी से जूझ रहा है। रातभर मोबाइल स्क्रॉल करना, नींद पूरी ना करना, और सुबह उठकर फिर वही भागदौड़—ये लाइफस्टाइल उन्हें धीरे-धीरे अंदर से खोखला कर रही है।

डॉक्टर्स के अनुसार इसका मुख्य कारण ओवरथिंकिंग और स्ट्रेस लेना है। जब मस्तिष्क दिनभर सक्रिय रहता है और आराम नहीं मिलता, तो इसका सीधा असर नींद पर पड़ता है।

क्या करें अगर नींद नहीं आती?

तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें – अगर कई दिनों से नींद नहीं आ रही है, और आप हर समय थके हुए या चिड़चिड़े महसूस करते हैं, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

योग और मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें – खासकर डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और माइंडफुलनेस मेडिटेशन तनाव को कम करने में बेहद मददगार होते हैं।

4-7-8 मैथड अपनाएं – ये बिल्कुल सुरक्षित, नेचुरल और आसान तरीका है, जिसे कोई भी कहीं भी कर सकता है। यह ना सिर्फ नींद लाने में मदद करता है, बल्कि मेंटल हेल्थ को भी मजबूत करता है।

अपनों को जानकारी दें – अगर आपके किसी दोस्त या परिवार के सदस्य को भी ये समस्या है, तो उन्हें 4-7-8 मैथड के बारे में बताएं और उनकी मदद करें।


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