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Times News Hindi,Digital Desk : डायबिटीज के मरीजों के लिए अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इसी क्रम में कुछ लोग दावा करते हैं कि बासी रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। लेकिन क्या यह बात सच है या केवल एक मिथक है?

बासी रोटी क्या होती है?
बासी रोटी एक दिन पहले बनाई गई वह रोटी होती है, जिसे सामान्य तापमान पर रखा जाता है। भारत के कई इलाकों में इसे दूध, दही या छाछ के साथ खाया जाता है। लेकिन इस पारंपरिक अभ्यास के पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण है या नहीं, यह सवाल बना हुआ है।

क्या बासी रोटी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करती है?
ऐसा दावा किया जाता है कि बासी रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) ताजी रोटी से कम होता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं, जिससे डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।

इसके अलावा, लंबे समय तक रखी गई गेहूं की रोटी में फाइबर की मात्रा अपेक्षाकृत बेहतर बनी रह सकती है, जो पाचन प्रक्रिया को धीमा करने और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है।

वैज्ञानिक प्रमाण क्या कहते हैं?
हालांकि कुछ लोगों के व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बासी रोटी का डायबिटीज कंट्रोल में फायदेमंद होने का दावा किया जाता है, पर अभी तक इस संबंध में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। यह साफ नहीं है कि सिर्फ बासी रोटी खाने से ही ब्लड शुगर नियंत्रित होती है।

डायबिटीज रोगी बासी रोटी का सेवन कैसे करें?

तेल या घी के प्रयोग से बचें, ताकि रोटी हल्की और हेल्दी रहे।

गेहूं के बजाय मल्टीग्रेन या जौ से बनी रोटी का चुनाव करें।

नियमित अंतराल पर ब्लड शुगर की जांच कराते रहें, ताकि आप पर इसका प्रभाव स्पष्ट हो सके।

अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रिया अलग-अलग होती है।

अंततः, डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली अपनाना सबसे प्रभावी तरीका है।


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