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Sahjan Khane ke Nuksan : गर्मियों का मौसम आते ही बाजार में कई तरह की ताज़ी और पोषक सब्ज़ियां दिखाई देने लगती हैं। इन्हीं में से एक है सहजन, जिसे आम भाषा में ड्रमस्टिक भी कहा जाता है। सहजन पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन्स, आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यही वजह है कि इसे सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।

हालांकि, जैसा कि हर चीज़ के दो पहलू होते हैं—फायदे और नुकसान—उसी तरह सहजन भी कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। विशेष परिस्थितियों में इसका सेवन स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है। चलिए जानते हैं, किन लोगों को सहजन का सेवन करने से बचना चाहिए।

1. प्रेगनेंट महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए सहजन?

गर्भवती महिलाओं के लिए आहार का चयन बेहद सोच-समझकर करना पड़ता है। सहजन की तासीर गर्म मानी जाती है। इसकी यही गर्म प्रकृति प्रेगनेंसी के दौरान नुकसानदायक हो सकती है। विशेष रूप से पहले तीन महीनों में सहजन का अधिक सेवन गर्भपात की आशंका को बढ़ा सकता है। यही नहीं, इसमें मौजूद कुछ यौगिक गर्भाशय को उत्तेजित कर सकते हैं जो कि इस अवस्था में सही नहीं माने जाते।

इसके अलावा, जिन महिलाओं को हैवी पीरियड्स या ब्लीडिंग की समस्या रहती है, उन्हें भी सहजन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इसका ज़्यादा सेवन शरीर में गर्मी को बढ़ाता है जिससे ब्लीडिंग की समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है।

2. लो ब्लड प्रेशर (Low BP) वाले रहें सतर्क

सहजन का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए लाभदायक माना जाता है। इसके कुछ प्राकृतिक गुण रक्तचाप को तेजी से कम करने में मदद करते हैं। लेकिन यही लाभ लो बीपी वालों के लिए खतरा बन सकता है।

अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही लो ब्लड प्रेशर की समस्या है और वह सहजन का सेवन करता है, तो उसकी हालत और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, थकावट या यहां तक कि बेहोशी की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना सहजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

3. गैस्ट्रिक और अल्सर के मरीजों के लिए भी नहीं है फायदेमंद

अगर आपको गैस, एसिडिटी या पेट से जुड़ी समस्याएं अक्सर रहती हैं, तो सहजन आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। सहजन में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट की मांसपेशियों पर असर डाल सकते हैं। इससे गैस्ट्रिक इरिटेशन, पेट दर्द या अल्सर की स्थिति और बिगड़ सकती है।

इसके अलावा, सहजन का अधिक सेवन कुछ मामलों में आंतों में जलन या सूजन जैसी समस्या को भी जन्म दे सकता है। खासकर उन लोगों को, जो पहले से ही पेट की किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, सहजन से परहेज करना चाहिए।

4. स्तनपान कराने वाली महिलाएं रखें सावधानी

डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में पोषण की जरूरत तो होती है, लेकिन साथ ही हर चीज़ का सेवन बेहद संतुलित तरीके से करना जरूरी होता है।

अगर कोई महिला स्तनपान करा रही है, तो उसे सहजन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसकी गर्म तासीर और शरीर पर असर डालने वाली प्रवृत्ति नवजात शिशु पर भी प्रभाव डाल सकती है। मां के दूध के माध्यम से शिशु को जाने वाले तत्व उसकी पाचन शक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।


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