img

Blood Sugar Level Kaise Kam Kare : आज के समय में डायबिटीज केवल बुज़ुर्गों की बीमारी नहीं रही, ये अब हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। हम में से कई लोग सिर्फ़ प्रोसेस्ड शुगर को छोड़कर मान लेते हैं कि ब्लड शुगर कंट्रोल हो जाएगा, लेकिन असलियत इससे कहीं ज़्यादा गहराई में है। पोषण विशेषज्ञ पूजा मखीजा ने हाल ही में इस विषय पर एक अहम जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि सिर्फ़ डायट में चीनी हटाने से काम नहीं चलता, बल्कि हमारी जीवनशैली की कई आदतें भी ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित करने में बड़ी भूमिका निभाती हैं।

चलिए एक-एक करके समझते हैं कि क्या हैं वे छिपे हुए कारण जो आपकी डायबिटीज के रिस्क को बढ़ा रहे हैं:

1. खराब नींद – एक अनदेखा खतरा

कभी सोचा है कि एक रात की कम नींद आपके शरीर को अगले दिन कितना नुकसान पहुँचा सकती है? पूजा मखीजा बताती हैं कि सिर्फ़ एक रात की खराब नींद से आपके शरीर की इंसुलिन पर प्रतिक्रिया बदल सकती है। नींद की कमी से शरीर इंसुलिन के लिए कम संवेदनशील हो जाता है, जिससे ग्लूकोज की प्रोसेसिंग प्रभावित होती है। इसका सीधा असर आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है।

नींद का सीधा संबंध हमारे मेटाबॉलिज्म से होता है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो शरीर कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन अधिक रिलीज़ करता है। यह हार्मोन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। यही वजह है कि विशेषज्ञ कम से कम 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेने की सलाह देते हैं। आपकी नींद जितनी अच्छी होगी, शरीर उतना बेहतर ग्लूकोज प्रोसेस करेगा।

2. क्रोनिक स्ट्रेस – शांति का अभाव बन सकता है खतरा

हम में से बहुत से लोग रोज़मर्रा की भागदौड़ में तनाव को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही तनाव हमारी सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन बन सकता है। लगातार तनाव की स्थिति में शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अपने आप ऊपर चला जाता है—भले ही आपने दिन भर में चीनी का सेवन ना किया हो।

पूजा मखीजा के अनुसार, तनाव से लड़ने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ छोटे लेकिन असरदार बदलाव लाने होंगे। जैसे – भोजन के बाद कुछ देर टहलना, ध्यान लगाना, गहरी साँस लेना या दिन में कुछ पल खुद के लिए निकालना। ये सभी उपाय शरीर को शांत रखने में मदद करते हैं, जिससे कोर्टिसोल नियंत्रित रहता है और शुगर लेवल में भी संतुलन आता है।

3. आंत की सेहत (गट हेल्थ) – अंदर की सफाई से आएगा असर

आपका गट यानी पाचन तंत्र जितना स्वस्थ होगा, उतना ही बेहतर शरीर इंसुलिन पर प्रतिक्रिया देगा। पूजा कहती हैं कि हमारी आंतों में मौजूद बैक्टीरिया, जिन्हें गट माइक्रोबायोम कहा जाता है, सीधे-सीधे इंसुलिन सेंसिटिविटी पर असर डालते हैं।

अगर आप फाइबर-रिच और न्यूट्रिशियस खाना खाते हैं, तो ये बैक्टीरिया शॉर्ट चेन फैटी एसिड्स जैसे ब्यूटिरेट बनाते हैं, जो ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करते हैं। ये एसिड्स इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं और शरीर में सूजन कम करते हैं। लेकिन अगर आपका भोजन प्रोसेस्ड, फाइबर-रहित और तैलीय होता है, तो गट हेल्थ बिगड़ती है, जिससे शरीर शुगर को प्रोसेस नहीं कर पाता और ब्लड शुगर बढ़ जाता है।

इसलिए जरूरी है कि आप रोज़ाना दालें, साबुत अनाज, हरी सब्जियाँ, फल और प्रोबायोटिक्स जैसे दही आदि का सेवन करें। इससे आपकी आंत स्वस्थ रहेगी और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगा।

4. शारीरिक गतिविधि की कमी – बैठना हो सकता है नुकसानदायक

अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ़ चीनी ना खाने से शुगर कंट्रोल हो जाएगा, लेकिन आप दिन भर बैठे रहते हैं, तो शायद आप सबसे बड़ी गलती कर रहे हैं। पूजा मखीजा बताती हैं कि शारीरिक गतिविधि की कमी से मांसपेशियाँ ग्लूकोज को ठीक से उपयोग नहीं कर पातीं, जिससे ब्लड में शुगर जमा हो जाती है।

आपका शरीर तब ही ग्लूकोज का सही उपयोग करता है जब आप हरकत में होते हैं। चाहे वो वॉक हो, योग हो या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग – हर गतिविधि आपके मेटाबॉलिज्म को एक्टिव करती है। पूजा सलाह देती हैं कि भोजन के बाद कम से कम 10 मिनट की वॉक जरूर करें। ये साधारण-सा कदम भी ब्लड शुगर को तेजी से नीचे लाने में मदद करता है।

साथ ही, वीक में कम से कम 3 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना भी बेहद फायदेमंद होता है। इससे आपकी मसल्स ग्लूकोज स्टोर और उपयोग करने में बेहतर हो जाती हैं।

5. भोजन के बीच लंबे अंतराल – भूखे रहने से नहीं मिलती राहत

बहुत से लोग वजन घटाने या डायबिटीज से बचने के लिए भोजन के बीच ज़्यादा लंबा गैप रखते हैं, लेकिन ये आदत उल्टा असर डाल सकती है। पूजा मखीजा कहती हैं कि जब हम लंबे समय तक भूखे रहते हैं, तो अगली बार खाने पर ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते हैं। इससे अचानक ब्लड शुगर बढ़ता है।

इसके बजाय, छोटे-छोटे लेकिन पोषण से भरपूर मील्स लेना बेहतर रहता है। हर 3 से 4 घंटे में कुछ हेल्दी खाना, जैसे कि नट्स, फल, सलाद या दही, ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है। याद रखें, भूखे रहना समाधान नहीं, बल्कि एक और समस्या है।


Read More:
डायबिटीज में सेहतमंद हैं ये 4 ड्राई फ्रूट्स, ब्लड शुगर करेंगे कंट्रोल