
हाल ही में वर्ल्ड लिवर डे के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिवर एवं पित्त विज्ञान संस्थान (ILBS) के एक कार्यक्रम में भाग लिया और वहां अपने स्वास्थ्य से जुड़ी एक बेहद प्रेरणादायक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि वह बीते साढ़े चार वर्षों से डायबिटीज के मरीज हैं, लेकिन अब वे बिना किसी दवा और इंसुलिन के अपना ब्लड शुगर कंट्रोल में रख पा रहे हैं। उनकी यह सफलता जीवनशैली में किए गए अनुशासित बदलावों की वजह से संभव हो सकी है।
2020 से हुई बदलाव की शुरुआत
अमित शाह ने बताया कि मई 2020 से उन्होंने अपने जीवन में कुछ बड़े बदलाव किए। इन बदलावों का केंद्र था – नींद, पानी, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम। इस अनुशासन और दृढ़ निश्चय ने ही उन्हें एक नई राह दिखाई।
उन्होंने कहा, “मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि अपने शरीर के लिए दो घंटे और दिमाग के लिए छह घंटे की नींद रिजर्व कर लें। आज मैं साढ़े चार साल में लगभग सभी एलोपैथिक दवाओं और इंसुलिन से मुक्त होकर आपके सामने खड़ा हूं।”
अमित शाह का हेल्थ रूटीन – एक सीख हर युवा के लिए
उनके रूटीन में ऐसा क्या खास है जिसे अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपनी सेहत सुधार सकता है? आइए एक नज़र डालते हैं उन बदलावों पर जो अमित शाह की सेहत के लिए वरदान साबित हुए:
1. बैलेंस्ड डाइट अपनाना
उन्होंने अपने भोजन में ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर चीजों को प्राथमिकता दी।
चीनी और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स को अपनी डाइट से लगभग हटा दिया।
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड्स को पूरी तरह से नकारा।
2. नियमित व्यायाम की आदत
उन्होंने योग और हल्के कार्डियो व्यायाम को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाया।
हर दिन कम से कम 30-45 मिनट का समय शरीर को दिया, जिससे मेटाबॉलिज्म सुधरा और ब्लड शुगर स्तर भी कंट्रोल में आया।
3. नींद और जल का सही उपयोग
अच्छी नींद के बिना शरीर कभी भी सही ढंग से रिकवर नहीं कर सकता। उन्होंने इसे प्राथमिकता दी।
पानी का पर्याप्त सेवन कर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला और पाचन तंत्र को मजबूत किया।
दवाओं और इंसुलिन से छुटकारा – कैसे हुआ संभव?
अमित शाह ने यह खुलासा किया कि वह अब किसी भी प्रकार की एलोपैथिक दवा या इंसुलिन का सेवन नहीं करते हैं। यह सुनना जितना अविश्वसनीय लगता है, उतना ही प्रेरणादायक भी है। उनका मानना है कि जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव और अनुशासन के साथ यह पूरी तरह संभव है।
उन्होंने कहा कि यह सफर बिल्कुल आसान नहीं था, लेकिन जब आप ठान लेते हैं तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान बन जाता है। यह उनके जीवन का सटीक उदाहरण है।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और प्रेरणा
अमित शाह की कहानी हमें यह सिखाती है कि:
अगर हम अपने शरीर की जरूरतों को समझें और उसके अनुसार कदम उठाएं, तो हम बिना दवाओं के भी स्वस्थ रह सकते हैं।
अनुशासित जीवनशैली और नियमितता किसी भी बीमारी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है।
हर बदलाव समय लेता है, लेकिन निरंतरता से हम किसी भी लक्ष्य को पा सकते हैं।
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