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डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल करना आसान नहीं होता। जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, तो खानपान से लेकर लाइफस्टाइल तक हर चीज में बदलाव करना पड़ता है। हालांकि, सही दिनचर्या और कुछ आयुर्वेदिक उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आयुर्वेद में ऐसे कई हर्ब्स हैं जो ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करते हैं, और उन्हीं में से एक है त्रिफला। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट निखिल वत्स के अनुसार, त्रिफला का नियमित सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।
त्रिफला क्या है ?
त्रिफला एक आयुर्वेदिक हर्बल फॉर्मूला है, जो तीन फलों के मिश्रण से तैयार किया जाता है –
- आंवला (अमलकी) – विटामिन C से भरपूर और एंटीऑक्सीडेंट से युक्त।
- बहेड़ा (बिभीतकी) – पाचन और श्वसन तंत्र को सुधारने में मददगार।
- हरड़ (हरीतकी) – शरीर को डिटॉक्स करने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में असरदार।
त्रिफला को प्राचीन समय से ही कई रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसका सेवन करने से न केवल डायबिटीज कंट्रोल में मदद मिलती है, बल्कि यह पाचन, त्वचा और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए त्रिफला के फायदे
त्रिफला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है।
1. ब्लड शुगर लेवल को कम करता है
त्रिफला का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ती है, जिससे ग्लूकोज का अवशोषण सही तरीके से होता है। इसमें मौजूद टैनिन्स और पॉलीफेनॉल्स ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखते हैं और शुगर स्पाइक्स को रोकते हैं।
2. डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है
त्रिफला शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है, जिससे टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और शरीर हल्का महसूस करता है। शुद्ध रक्त संचार से अंगों का सही तरीके से काम करना आसान हो जाता है, जिससे शुगर कंट्रोल में रहता है।
3. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
त्रिफला एक नेचुरल डाइजेस्टिव टॉनिक है, जो कब्ज, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याओं से राहत दिलाता है। जब पाचन सही रहता है, तो ब्लड शुगर का लेवल भी नियंत्रित रहता है।
4. मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है
त्रिफला मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे फैट बर्निंग प्रोसेस बेहतर होता है और शरीर में ग्लूकोज का सही इस्तेमाल होता है। इससे डायबिटीज के मरीजों को अपना वजन कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए त्रिफला के उपयोग के तरीके
त्रिफला का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, जिससे इसका अधिकतम लाभ मिल सके।
1. त्रिफला को देसी घी के साथ लें
- एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को देसी घी में मिलाकर हल्का गर्म करें।
- इसे गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है।
2. छाछ के साथ त्रिफला पिएं
- खाने के बाद 1 गिलास छाछ में 1 चम्मच त्रिफला मिलाकर पिएं।
- इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होगा और डाइजेशन बेहतर रहेगा।
- यह शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को सुधारने में मदद करेगा।
3. त्रिफला का काढ़ा पिएं
- 1 गिलास पानी में 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण डालें और धीमी आंच पर उबालें।
- इसे छानकर गुनगुना पिएं।
- यह शुगर लेवल को नियंत्रित करने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है।
अन्य फायदे जो डायबिटीज मरीजों को मिलते हैं
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार – त्रिफला कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है।
- वजन घटाने में मदद – यह अतिरिक्त चर्बी को कम करके शरीर को फिट रखने में मदद करता है।
- आंखों के लिए फायदेमंद – डायबिटीज के मरीजों को आंखों की समस्या हो सकती है, त्रिफला उनके लिए लाभकारी होता है।