यूरिक एसिड में पपीते का सेवन: शरीर में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा को हाइपरयुरिसीमिया कहा जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर के जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है। घुटनों का दर्द इतना बढ़ जाता है कि ऐसी स्थिति में उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है। इस समस्या से पीड़ित लोगों को भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। पपीते से भी आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं. पपीते में विटामिन `सी` प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए वे प्राकृतिक रूप से यूरिक एसिड के उच्च स्तर को कम करने में मदद करते हैं। अधिकांश अध्ययनों से पता चला है कि प्रतिदिन 500 मिलीग्राम vitamin C लेने से लोगों को गठिया के दर्द से निपटने में मदद मिल सकती है।
कच्चा पपीता यूरिक एसिड को कैसे नियंत्रित करता है?
कच्चे पपीते में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। पपीते में मौजूद फाइबर यूरिक एसिड के मरीजों को जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। कच्चे पपीते को प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में भी जाना जाता है। इसमें पपेन नामक एंजाइम होता है जो शरीर में साइटोकिन प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाता है।
ऐसे करें पपीते का सेवन
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आप अलग-अलग तरीकों से पपीते का सेवन कर सकते हैं। कच्चे पपीते का जूस और काढ़ा भी बनाया जा सकता है. कच्चे पपीते का काढ़ा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस काढ़े को बनाने के लिए 2 लीटर पानी उबालें. - फिर कच्चे पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और उसके अंदर के बीज निकाल दें. इन टुकड़ों को उबलते पानी में डालें और करीब 5 मिनट तक उबालें। फिर इस पानी में 2 चम्मच ग्रीन टी डालकर उबाल लें। इस काढ़े का सेवन दिन में 3 से 4 बार करने से लाभ होता है। यह आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करता है ।
--Advertisement--