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आजकल कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या आम हो गई है, और यह युवा पीढ़ी को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए आवश्यक होता है क्योंकि यह हर कोशिका, हार्मोन और विटामिन बनाने में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, जब इसका स्तर असंतुलित हो जाता है, खासकर खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ जाता है, तो यह दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है।

इस लेख में हम कोलेस्ट्रॉल के प्रकार, इसके बढ़ने के कारण, लक्षण और नियंत्रण के उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

कोलेस्ट्रॉल के प्रकार और इसकी भूमिका

कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है:

  1. गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL - High-Density Lipoprotein): यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है और हृदय को सुरक्षित रखता है।
  2. बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL - Low-Density Lipoprotein): यह रक्त धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है, जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

हमारी बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण मुख्य रूप से लिवर में होता है, और हमारे आहार और जीवनशैली के आधार पर इसका स्तर प्रभावित होता है।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के मुख्य कारण

अगर हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, तो इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं:

1. गलत खान-पान

  • अधिक वसा युक्त और तले-भुने भोजन का सेवन।
  • प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड का अधिक सेवन।
  • ज्यादा मीठे और कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थों का सेवन।

2. शारीरिक गतिविधियों की कमी

  • एक्सरसाइज न करना और दिनभर बैठकर काम करना।
  • शरीर को पर्याप्त एक्टिव न रखना।

3. मोटापा और अधिक वजन

  • अधिक वजन होने से कोलेस्ट्रॉल असंतुलन बढ़ जाता है।
  • पेट के आसपास चर्बी जमा होना हृदय रोगों का मुख्य कारण बन सकता है।

4. धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन

  • सिगरेट और शराब का सेवन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
  • यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

5. कुछ मेडिकल कंडीशंस

  • डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और थायरॉइड की समस्याएं कोलेस्ट्रॉल लेवल को प्रभावित कर सकती हैं।
  • अनुवांशिक कारण भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक कारण हो सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण

अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, तो कुछ सामान्य लक्षण नजर आ सकते हैं:

1. त्वचा और आंखों में बदलाव

  • आंखों के आसपास पीले या सफेद धब्बे बनना।
  • त्वचा का सूखना और रंग बदलना।

2. उच्च रक्तचाप और सिरदर्द

  • ब्लड प्रेशर का बढ़ना।
  • बार-बार सिर दर्द और चक्कर आना।

3. थकान और सांस लेने में दिक्कत

  • सीने में दर्द महसूस होना।
  • हल्की मेहनत करने पर भी सांस फूलना।

4. हाथ-पैरों में झुनझुनी और ठंडापन

  • पैरों और हाथों में सुन्नपन महसूस होना।
  • रक्त संचार में बाधा आने के कारण पैरों में ठंडापन महसूस होना।

पैरों में हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से पैरों में भी कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं:

  1. पैरों में दर्द और ऐंठन
    • ज्यादा चलने, दौड़ने या सीढ़ियां चढ़ने पर पिंडलियों और जांघों में दर्द।
  2. सुन्नपन और झुनझुनी
    • पैरों में रक्त संचार बाधित होने से झनझनाहट महसूस होना।
  3. पैरों और तलवों में ठंडापन
    • खासकर रात में पैरों में ज्यादा ठंड महसूस होना।
  4. घाव भरने में देरी
    • पैर में कट या चोट लगने पर जल्दी ठीक न होना।
  5. नाखूनों का कमजोर होना
    • पैरों के नाखून जल्दी टूटना या उनका रंग बदलना।

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के तरीके

अगर आप कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित उपाय अपनाएं:

1. सही डाइट अपनाएं

  • फाइबर युक्त भोजन खाएं: हरी सब्जियां, फल, ओट्स और नट्स का सेवन करें।
  • ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट से बचें: तले-भुने और जंक फूड से दूरी बनाएं।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड लें: मछली, अलसी के बीज और अखरोट फायदेमंद होते हैं।

2. नियमित व्यायाम करें

  • रोजाना 30-45 मिनट की वॉक करें।
  • साइक्लिंग, योग और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

3. नशे से दूर रहें

  • धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें।
  • यह हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल असंतुलन पैदा करता है।

4. मेडिकल कंडीशन्स को मैनेज करें

  • ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।
  • समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें।

5. पैरों की देखभाल करें

  • अगर पैरों में बार-बार दर्द, सुन्नपन या कोई असामान्य लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अच्छी क्वालिटी के जूते पहनें और नियमित रूप से पैरों की मसाज करें।