आजकल भारतीय जोड़ों को बहुत सी यौन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यौन समस्याओं में यौन इच्छा में कमी, उत्तेजना में कमी, संभोग के दौरान या बाद में दर्द शामिल है। यह आमतौर पर हर उम्र के लोगों में देखा जाता है। बताया जाता है कि लगभग 35% पुरुष और महिलाएं ऐसी यौन समस्याओं से पीड़ित हैं।
बांझपन से जूझ रहे जोड़ों के बीच यह एक सामान्य घटना है। क्योंकि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसे उपचार मानसिक और शारीरिक तनाव का कारण बन सकते हैं। जो यौन रोग का कारण बनता है। जोड़ों में यौन समस्याएं तनाव, मधुमेह, हार्मोन और उनमें परिवर्तन, कुछ दवाओं और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली समस्याओं के कारण हो सकती हैं।
पुणे में प्रजनन सलाहकार निशा पंसारे के अनुसार, स्तंभन दोष के कारणों में हृदय संबंधी रोग, मधुमेह, गुर्दे की विफलता, यकृत की विफलता, कैंसर और इसका उपचार, हार्मोनल असंतुलन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव होते हैं जो किसी के यौन कार्य को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, तनाव, चिंता, अवसाद, यौन असंतोष की भावना, वैवाहिक या रिश्ते की समस्याएं और शरीर की समस्याएं भी यौन रोग का कारण बनती हैं। बांझपन का इलाज करा रहे जोड़ों के लिए, यह समस्या संभोग में बाधा डाल सकती है और स्नेहन को कम कर सकती है, जिससे जोड़ों को तनाव का अनुभव हो सकता है।
इस समस्या के लक्षण क्या हैं?
इरेक्शन बनाए रखने में असमर्थता या शीघ्रपतन, संभोग के लिए उत्तेजित होने के बावजूद प्रवेश के लिए इरेक्शन प्राप्त करने में असमर्थता, दोनों भागीदारों को अप्रसन्न करती है। यह शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने और गर्भधारण करने से भी रोकता है। निशा पंसारे के अनुसार, महिलाओं को संभोग के दौरान योनि में सूखापन, उत्तेजना की कमी, यौन इच्छा की कमी, दर्दनाक संभोग और उत्तेजना संबंधी समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
निशा के अनुसार, कामेच्छा में कमी या संभोग के दौरान दर्द जैसी स्थितियां गर्भावस्था को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं। इसका कारण नियमित यौन गतिविधियों में संलग्न होने में असमर्थता है। इसी तरह, ओव्यूलेशन के दौरान गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। ऐसे में बिना देर किए किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
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