
आज की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में तनाव और डिप्रेशन आम समस्या बन गए हैं। काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां और अनियमित दिनचर्या मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती हैं। नींद की कमी, चिंता और मानसिक अशांति धीरे-धीरे गंभीर मानसिक रोगों का रूप ले सकती हैं। ऐसे में अगर आप भी मानसिक तनाव से परेशान हैं, तो जटामांसी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। यह एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मानसिक शांति प्रदान करती है और तनाव को कम करने में मदद करती है। इसे "तपस्विनी" और "मानसिक बलवर्धिनी" भी कहा जाता है, क्योंकि यह दिमाग को शांत करने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक है।
जटामांसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व
जटामांसी कई औषधीय तत्वों से भरपूर होती है, जो इसे एक प्रभावी दवा बनाते हैं। इसमें एक्टिनिडीन, अरिस्टोलीन, कैरोटीन, कूमारिन, डायहाइड्रोएजुलीन, नर्डोल, नार्डोस्टाचोन, वेलेरियनॉल, वेलेरानोन, एलेमोल और एंजेलिविन जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये सभी मिलकर शरीर और दिमाग को ऊर्जा देने, मानसिक शक्ति को बढ़ाने और अवसाद को कम करने में मदद करते हैं।
जटामांसी के स्वास्थ्य लाभ
1. मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है
जटामांसी में प्राकृतिक एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो तनाव और चिंता को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को संतुलित कर मानसिक शांति प्रदान करता है। जो लोग लगातार चिंता में रहते हैं, उनके लिए जटामांसी बेहद लाभकारी साबित हो सकती है।
2. अच्छी नींद लाने में सहायक
नींद की कमी या अनिद्रा एक आम समस्या बन गई है। जटामांसी तंत्रिका तंत्र को शांत करती है और बेहतर नींद लाने में मदद करती है। सोने से पहले स्पाइकनार्ड तेल से सिर की मालिश करने से दिमाग को आराम मिलता है और गहरी नींद आती है।
3. याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने में मददगार
जटामांसी का सेवन मेमोरी बूस्टर के रूप में काम करता है। यह दिमाग को तेज करने, एकाग्रता बढ़ाने और याददाश्त को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीडिप्रेसेंट गुण उदासी और डिप्रेशन को कम करते हैं और सेरोटोनिन तथा डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित रखते हैं, जिससे मूड बेहतर होता है।
4. मस्तिष्क को तेज और सक्रिय बनाए
जटामांसी का सेवन करने से दिमागी थकान दूर होती है और मानसिक ऊर्जा बढ़ती है। यह माइग्रेन, सिरदर्द और मानसिक थकावट में भी राहत देता है।
5. हृदय और त्वचा के लिए फायदेमंद
जटामांसी सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि हृदय और त्वचा के लिए भी लाभकारी है। यह रक्त संचार को सुधारता है और त्वचा में निखार लाने में मदद करता है।
जटामांसी का सेवन कैसे करें?
अगर आप जटामांसी के लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसे निम्नलिखित तरीकों से सेवन कर सकते हैं:
जटामांसी चूर्ण:
- रात को सोने से पहले आधा चम्मच जटामांसी चूर्ण गुनगुने दूध या शहद के साथ लें।
- यह तनाव को कम कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है।
जटामांसी काढ़ा:
- 1 चम्मच जटामांसी की जड़ को 2 कप पानी में उबालें।
- जब यह पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर पी लें।
- इसे रोजाना पीने से मानसिक शांति बनी रहती है और नींद की समस्या दूर होती है।
जटामांसी तेल (स्पाइकनार्ड ऑयल):
- इस तेल से सिर और पैरों की मालिश करें।
- यह दिमाग को शांत कर तनाव कम करने में मदद करता है।
ब्राह्मी और शंखपुष्पी के साथ:
- जटामांसी को ब्राह्मी और शंखपुष्पी के साथ मिलाकर पीने से इसका प्रभाव दोगुना हो जाता है।
- यह मस्तिष्क को सक्रिय करने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
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