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ईरान में पहली बार समोसे में आलू की जगह कीमा या सूखे मेवे डाले गए. लेकिन जब समोसा भारत आया तो इसमें कई बदलाव हुए। समोसा शब्द फारसी भाषा के 'सम्बोसाग' से लिया गया है। 

कुछ इतिहासकारों के अनुसार इसका प्रयोग महमूद गजनवी के दरबार में किया जाता था, लेकिन जब पुर्तगाली भारत आए तो समोसे में आलू भरने का चलन शुरू हुआ और तब से यह जारी है।

गौरतलब है कि जब समोसा ईरान से भारत आया तो इसमें कई अहम बदलाव किए गए. भारत में आलू, प्याज, मटर, पनीर, नूडल्स और पालक के अलावा समोसे भी मिलते हैं. आज हम समोसे को नाश्ते के तौर पर खाते हैं, लेकिन 10वीं सदी में समोसे को लंच और डिनर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. उस समय समोसे तेल में नहीं तले जाते थे, उन्हें आग पर पकाया जाता था. कहा जाता है कि दिल्ली के सुल्तान भी समोसे के शौकीन थे.

भारत में बनने वाले समोसे की स्टफिंग में भी कई मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें धनिया, जीरा, काली मिर्च, अदरक और अन्य मसाले डाले जाते हैं.

भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के समोसे मिलते हैं और हर जगह इनका आकार थोड़ा-थोड़ा अलग होता है।

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