
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब खानपान के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं। अनियमित दिनचर्या, जंक फूड और फास्ट फूड के अत्यधिक सेवन से युवा भी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। 20 साल की उम्र के बाद से ही पेट से जुड़ी परेशानियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिसका मुख्य कारण गलत खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। विशेषज्ञों के अनुसार, आज की युवा पीढ़ी न तो सही भोजन का चयन कर रही है और न ही सही समय पर खा रही है, जिससे पाचन तंत्र कमजोर होता जा रहा है।
पेट को स्वस्थ रखने के लिए सक्रिय रहना जरूरी
हेल्थ एक्सपर्ट पूर्णिमा पेरी के अनुसार, पेट की सेहत बनाए रखने के लिए शरीर को सक्रिय रखना बेहद जरूरी है। जब आप नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में संलग्न होते हैं, तो यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के साथ-साथ पेट के अच्छे बैक्टीरिया को भी बढ़ावा देता है। इसके परिणामस्वरूप, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। नियमित व्यायाम आपके पाचन तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
आधुनिक जीवनशैली और आंत स्वास्थ्य पर प्रभाव
आज की मॉडर्न लाइफस्टाइल में कई ऐसी आदतें हैं, जो हमारे आंत माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें शामिल हैं:
- अत्यधिक तनाव: लगातार तनाव की स्थिति शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- खराब खानपान: तला-भुना, अत्यधिक मसालेदार और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन आंत के बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकता है।
- एंटीबायोटिक्स का अधिक सेवन: बार-बार एंटीबायोटिक्स लेने से आंत के अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट हो सकते हैं, जिससे पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
पेट की समस्याओं से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
1. तनाव कम करें
लगातार अधिक तनाव आपके पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिसमें आपकी आंत भी शामिल है। तनाव के कारण शरीर में कुछ विशेष हार्मोन रिलीज होते हैं, जो पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं और पेट की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों को अपनाएं।
2. अच्छी नींद लें
नींद की कमी न केवल मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है, बल्कि यह पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है। अच्छी नींद से शरीर को सही तरीके से कार्य करने में मदद मिलती है। इसलिए, रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की गहरी और निर्बाध नींद लेना बहुत जरूरी है।
3. हाई फाइबर और कम चीनी वाले फूड्स खाएं
पेट की सेहत के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। आहार में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने से आंतों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसके लिए आप ये खाद्य पदार्थ खा सकते हैं:
- फल और हरी पत्तेदार सब्जियां
- होल ग्रेन (ब्राउन राइस, ओट्स, बाजरा)
- दही और छाछ (प्रोबायोटिक्स से भरपूर)
- मेवे और बीज (बादाम, अखरोट, चिया सीड्स)
इसके साथ ही, चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स से बचना जरूरी है, क्योंकि ये आंत माइक्रोबायोम पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।