img

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसे "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है। इस बीमारी में शरीर का ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है, जिससे कई गंभीर समस्याएं जन्म लेती हैं। लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड शुगर का स्तर शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिल, किडनी और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है।

इसके अलावा, डायबिटीज मरीजों को एक और आम समस्या होती है—कंधे का दर्द। खासतौर पर, यह समस्या फ्रोजन शोल्डर (एडहेसिव कैप्सूलाइटिस) के कारण होती है, जो डायबिटीज के मरीजों में सामान्य रूप से पाई जाती है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि मरीज को अपने दैनिक कार्य करने में भी परेशानी होने लगती है।

आइए जानते हैं कि डायबिटीज मरीजों को कंधे में दर्द क्यों होता है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।

डायबिटीज मरीजों को कंधे में दर्द क्यों होता है?

डायबिटीज मरीजों में फ्रोजन शोल्डर एक आम समस्या है, जो कंधे की गति को सीमित कर देती है और दर्द व जकड़न का कारण बनती है। इसका मुख्य कारण यह है कि ब्लड शुगर का हाई लेवल शरीर के टिशूज़ (ऊत्तकों) को प्रभावित करता है, जिससे कंधे की मूवमेंट सीमित हो जाती है और दर्द बढ़ जाता है।

मुख्य कारण:

  1. ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर: लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर होने से कनेक्टिव टिशू (ऊत्तकों) की कठोरता बढ़ जाती है, जिससे कंधे की गतिविधि प्रभावित होती है।
  2. न्यूरोपैथी: डायबिटीज से होने वाली नसों की समस्या (न्यूरोपैथी) के कारण मांसपेशियों की ताकत कम हो जाती है, जिससे कंधे की मूवमेंट सीमित हो जाती है और दर्द बढ़ सकता है।
  3. सूजन और स्टिफनेस: डायबिटीज के कारण शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जो जोड़ों की कठोरता (स्टिफनेस) और दर्द को बढ़ा सकती है।

फ्रोजन शोल्डर के लक्षण

डायबिटीज मरीजों में फ्रोजन शोल्डर के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और कई महीनों तक बने रह सकते हैं।

  1. कंधे में तेज दर्द: खासकर रात के समय में दर्द बढ़ जाता है।
  2. कंधे में स्टिफनेस: जिससे हाथ उठाना, घुमाना या पीछे ले जाना मुश्किल हो जाता है।
  3. कंधे में सूजन और लालिमा: हल्की या तेज सूजन हो सकती है।
  4. धीरे-धीरे मूवमेंट की कमी: कंधे की गति कम होती जाती है, जिससे रोजमर्रा के काम करना कठिन हो जाता है।

डायबिटीज मरीज कंधे के दर्द से कैसे राहत पा सकते हैं?

डायबिटीज मरीज फिजियोथेरेपी, व्यायाम और कुछ दवाओं की मदद से कंधे के दर्द से राहत पा सकते हैं।

1. फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज

  • फ्रोजन शोल्डर की समस्या में फिजियोथेरेपी सबसे ज्यादा कारगर होती है।
  • हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से कंधे की मूवमेंट में सुधार होता है।
  • रोज़ाना हल्के व्यायाम, तैराकी, या पैदल चलना भी फायदेमंद हो सकता है।

2. दर्द कम करने के लिए दवाएं

  • नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसे कि इबुप्रोफेन और एस्पिरिन दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं।
  • अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर कोर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन भी दे सकते हैं।

3. ब्लड शुगर को नियंत्रित करना

  • डायबिटीज को नियंत्रित करके फ्रोजन शोल्डर की समस्या को कम किया जा सकता है।
  • बैलेंस डाइट अपनाएं और मीठे खाद्य पदार्थों से बचें।
  • नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करवाएं।

4. गर्म और ठंडी सिकाई

  • कंधे के दर्द को कम करने के लिए गर्म और ठंडी सिकाई (Hot & Cold Therapy) फायदेमंद हो सकती है।
  • गर्म सेक से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं, जबकि ठंडी सिकाई से सूजन कम होती है।