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चीन से घटिया और जहरीला लहसुन एक बार फिर भारत समेत कई देशों में फैल रहा है। यह लहसुन लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। घरेलू लहसुन की बढ़ती कीमतों का फायदा उठाते हुए चीन ने चोरी-छिपे अपने जहरीले लहसुन को भारतीय बाजार में आयात करना शुरू कर दिया है। यह लहसुन न सिर्फ सेहत के लिए खतरनाक है बल्कि भारत में किसानों और व्यापारियों के लिए भी बड़ी चुनौती बन गया है.

चीनी लहसुन पहले से ही प्रतिबंधित है

भारत ने 2014 में ही चीन से लहसुन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि चीन का जहरीला लहसुन भारतीय बाजार में चोरी-छिपे बेचा जा रहा है. हाल ही में गुजरात के 'गोंडल कृषि उपज' बाजार से 750 किलोग्राम चीनी लहसुन जब्त किया गया था। इस घटना के बाद व्यापारियों ने तुरंत राज्य और केंद्र सरकार को इसकी सूचना दी. विशेषज्ञों का कहना है कि यह जहरीला लहसुन लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

चीनी ज़हरीले लहसुन के स्वास्थ्य प्रभाव

चीन से आयातित लहसुन में मिथाइल ब्रोमाइड नामक जहरीला रसायन होता है। यह रसायन लहसुन को फंगस से बचाने के लिए लगाया जाता है और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। लंबे समय तक इसके सेवन से लीवर, किडनी और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा यह अंधापन और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।

भारतीय लहसुन की मांग बढ़ी, चीन चिंतित

भारत और चीन दोनों लहसुन के प्रमुख उत्पादक हैं लेकिन हानिकारक रसायनों की मौजूदगी और इसकी खराब गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी लहसुन की मांग में गिरावट आई है। इसके विपरीत, घरेलू और विदेशी बाजारों में भारत के स्वदेशी लहसुन की मांग बढ़ रही है। विशेष रूप से मध्य प्रदेश और राजस्थान में पैदा होने वाला लहसुन अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय हो रहा है। चीन अब अपने जहरीले लहसुन को सस्ते दामों पर भारतीय बाजार में फैलाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह फिर से अपनी पकड़ बना सके।

हाल ही में कस्टम विभाग ने नेपाल के रास्ते भारत आ रहे 16 टन चीनी लहसुन को जब्त कर लिया. विभाग अब तक 1400 क्विंटल जहरीला चाइनीज लहसुन नष्ट कर चुका है. लहसुन के इस जहरीले खेल को रोकने के लिए सरकार और संबंधित विभाग लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन फिर भी कालाबाजारी जारी है.

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