img

मधुमेह से ग्रस्त लोगों को अपनी जीवनशैली में कई बदलाव करने की जरूरत होती है। खान-पान से लेकर रोजमर्रा की आदतों तक, हर चीज का सीधा असर रक्त शर्करा के स्तर पर पड़ता है। ऐसे में, अगर आप अपनी दिनचर्या में जौ के पानी को शामिल करते हैं, तो यह रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।

जौ का पानी: मधुमेह के लिए फायदेमंद क्यों?

1. सूजन को कम करता है

जौ में प्राकृतिक रूप से सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। यह न केवल शरीर की सूजन को कम करता है बल्कि गठिया जैसी बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है।

2. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है

जौ के पानी में मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह कब्ज, पेट फूलना और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। नियमित रूप से जौ का पानी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, जिससे भोजन सही तरीके से पचता है और शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है।

3. हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है

मधुमेह के रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक होता है। जौ का पानी पोटेशियम से भरपूर होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है

4. कैंसर के खतरे को कम करता है

जौ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। यह मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से लड़ता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे कैंसर, हृदय रोग और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम होता है।

5. वजन नियंत्रण में सहायक

मधुमेह रोगियों के लिए वजन नियंत्रण बेहद महत्वपूर्ण होता है। जौ का पानी कम कैलोरी वाला पेय है, जो मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और वजन घटाने में सहायक होता है। इससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं होती और वजन संतुलित बना रहता है।

कैसे बनाएं जौ का पानी?

  1. जौ के बीजों को अच्छी तरह धो लें और रातभर पानी में भिगो दें।
  2. अगली सुबह, इसमें थोड़ा और पानी डालकर 10 मिनट तक उबालें।
  3. गुनगुना होने पर इसे छान लें और सुबह खाली पेट पिएं।