
साल 2003 में रिलीज़ हुई फिल्म बागबान आज भारतीय सिनेमा की एक कल्ट क्लासिक बन चुकी है। पारिवारिक मूल्यों, माता-पिता के संघर्षों और रिश्तों की संवेदनशीलता को दर्शाने वाली यह फिल्म न सिर्फ दर्शकों के दिल को छू गई, बल्कि हर पीढ़ी को सोचने पर मजबूर कर गई। अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी की जोड़ी ने दर्शकों को रुलाया, हंसाया और झकझोरा भी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म में हेमा मालिनी की जगह पहले किसी और एक्ट्रेस को ये किरदार ऑफर किया गया था? जी हां, और वो एक्ट्रेस कोई और नहीं बल्कि तब्बू थीं!
हेमा नहीं, तब्बू थीं डायरेक्टर की पहली पसंद
फिल्म बागबान के डायरेक्टर रवि चोपड़ा और प्रोड्यूसर उनकी पत्नी रेनू चोपड़ा थे। हाल ही में रेनू चोपड़ा ने पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि हेमा मालिनी से पहले तब्बू को फिल्म में अमिताभ बच्चन की पत्नी के रोल के लिए अप्रोच किया गया था।
रेनू ने बताया, "हमने तब्बू को स्क्रिप्ट सुनाई और वो सुनते ही रोने लगीं। स्क्रिप्ट उन्हें इतनी पसंद आई कि हमें लगा अब तो वह फिल्म के लिए हां कह ही देंगी। लेकिन तभी मेरे साथ बैठे एक व्यक्ति ने कहा – 'जब तब्बू स्क्रिप्ट सुनकर रो देती है, तो वो फिल्म नहीं करती!' और वही हुआ।"
तब्बू का रिएक्शन और फैमिली की प्रतिक्रिया
इस पूरे वाकये में सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब फिल्म रिलीज़ होने के बाद तब्बू हैदराबाद में अपने अंकल-आंटी के साथ बागबान देखने गईं। उन्होंने अपनी आंटी को बताया कि यह वही फिल्म है जिसे उन्होंने रिजेक्ट कर दिया था। तब उनकी आंटी ने मजाक में कहा, “यह चप्पल निकाल के तुम्हारे सर पे मारूंगी!” – जो इस बात की तस्दीक करता है कि तब्बू ने क्या मौका गंवा दिया था।
हेमा मालिनी भी करने वाली थीं इनकार
सिर्फ तब्बू ही नहीं, हेमा मालिनी भी शुरुआत में यह रोल करने के लिए तैयार नहीं थीं। उन्होंने जब पहली बार स्क्रिप्ट सुनी, तो अपनी मां से कहा, "चार-चार इतने बड़े लड़कों की मां का रोल करने को बोल रहे हैं, मैं यह कैसे कर सकती हूं?" तब उनकी मां ने जवाब दिया, "तुम्हें यह फिल्म जरूर करनी चाहिए, कहानी बहुत अच्छी है।"
और यही बात हेमा मालिनी को समझ आ गई। उन्होंने स्क्रिप्ट पर दोबारा गौर किया और फिर इस किरदार को अपनाया, जो आज भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक आइकॉनिक रोल माना जाता है।
बागबान की स्टारकास्ट और उनकी भूमिका
अमिताभ बच्चन: मुख्य भूमिका में, एक बुजुर्ग पिता जो अपने बच्चों के व्यवहार से आहत होता है।
हेमा मालिनी: एक सशक्त और संवेदनशील पत्नी, जो हर परिस्थिति में अपने पति के साथ खड़ी रहती हैं।
समीर सोनी, दिव्या दत्ता, साहिल चड्ढा: चार संतानों की भूमिका में।
सलमान खान: गोद लिए बेटे की भूमिका में, जो सच्चे मायने में अपने माता-पिता के साथ खड़ा रहता है।
परेश रावल: एक दिलचस्प और अहम सहयोगी किरदार में।
क्यों खास है बागबान?
यह फिल्म परिवार, भावनाओं और बुजुर्गों की उपेक्षा जैसे मुद्दों को छूती है।
इसमें संवेदनशील संवाद, भावनात्मक संगीत और बेहतरीन अभिनय का संगम है।
इसे हर पीढ़ी से जुड़ने वाली कहानी के तौर पर देखा जाता है।
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