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फिल्म निर्माता संजय गुप्ता ने कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की तारीफ की और स्वीकार किया कि उन्होंने पहले फिल्म को जज कर लिया था, लेकिन उन्हें यह मानने में खुशी हुई कि कंगना ने उन्हें गलत साबित कर दिया। संजय गुप्ता ने अपने ट्वीट में इस बात का उल्लेख किया था, और कंगना ने इसका जवाब देते हुए फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के लोग पहले से उनके बारे में कोई धारणा ना बनाएं और सिर्फ उनके काम को स्वीकार करें।

संजय गुप्ता का ट्वीट और कंगना का प्रतिक्रिया

संजय गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इमरजेंसी के बारे में अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "आज मैंने कंगना रनौत की इमरजेंसी देखी। सच कहूं तो, मैंने इसे देखने का प्लान नहीं बनाया था, क्योंकि मैंने पहले ही इसके बारे में अनुमान लगा लिया था। मुझे खुशी है कि मैं गलत था। कंगना की यह फिल्म बहुत शानदार है – अभिनय और निर्देशन दोनों ही बेहतरीन हैं। यह एक बेहतरीन और विश्व स्तरीय फिल्म है।"

संजय गुप्ता की तारीफ पर कंगना ने उन्हें धन्यवाद दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को किसी भी कलाकार के प्रति पहले से कोई नकारात्मक धारणा नहीं बनानी चाहिए। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को यह सलाह दी कि वे किसी के बारे में पहले से राय बनाने से बचें और अच्छे काम की सराहना करें। कंगना ने ट्वीट किया, “फिल्म इंडस्ट्री को अपनी नफरत और प्री-कंसीव्ड नोशन्स से बाहर आना चाहिए और अच्छे काम को स्वीकार करना चाहिए। उस बाधा को तोड़ने के लिए धन्यवाद। सभी फिल्मी बुद्धिजीवियों को मेरा संदेश- मेरे बारे में कभी कोई धारणा न रखें। मुझे समझने की कोशिश भी मत करना, मैं पहुंच से बाहर हूं।”

कंगना का गुस्सा और फिल्म इंडस्ट्री पर टिप्पणी

कंगना ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा, "संजय गुप्ता ने अपने पोस्ट में स्वीकार किया था कि उनके मन में पहले से ही एक धारणा थी। जब आप इस धारणा से असफल हो रहे हैं, तो आप मुझे समझने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? और वह यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि वह असफल रहे। यह जो नकारात्मक सोच है, कि किसी के बारे में सिर्फ नकारात्मक सोचना और यह कोशिश करना कि वह असफल हो जाए, यह कैसे सही है?"

कंगना ने आगे कहा, "जब आप किसी व्यक्ति को पक्षी की नजर से देखते हैं, तो आपको उस विषय के बारे में विस्तृत दृष्टि रखने की जरूरत होती है। आप मेरी बुद्धि के बारे में विस्तृत दृष्टि कैसे रख सकते हैं? क्या आपके पास मुझे समझने का समय और क्षमता है? आप किस तरह की फिल्में बनाते हैं, उस पर विचार करें और फिर मुझे जज करें।"

कंगना की सलाह: किसी पर भी राय बनाने से बचें

कंगना रनौत ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग, जिन्हें वे अक्सर जज करते हैं, उन्हें किसी भी कलाकार के बारे में पूर्व धारणा बनानी से बचनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर फिल्म इंडस्ट्री के लोग उनके बारे में पहले से ही यह मान कर चलें कि वे क्या कर सकती हैं और उनकी सीमाएं क्या हैं, तो वे खुद को अपमानित करने के जोखिम में डाल रहे हैं।

कंगना ने यह भी कहा, "अगर लोग मेरे बारे में पहले से कोई राय बनाते हैं और इस तरह की बातें करते हैं कि ‘हमें पता है कि वह क्या कर सकती है और उसकी सीमाएं क्या हैं’, तो उन्हें यह अपमान सहना पड़ेगा।"

कंगना रनौत का फिल्म इंडस्ट्री के प्रति संदेश

कंगना ने अपने बयान में यह साफ किया कि फिल्म इंडस्ट्री में कई लोग इस धारणा के साथ काम करते हैं कि कंगना की फिल्में केवल प्रोपेगेंडा पर आधारित होंगी, और वे उसे एक नकारात्मक लेंस से देखते हैं। लेकिन इमरजेंसी जैसी फिल्म ने यह साबित किया है कि कंगना एक मजबूत निर्देशक और अभिनेत्री हैं, जो किसी भी काम को पेशेवर तरीके से करती हैं। कंगना ने यह भी बताया कि उनका उद्देश्य कभी किसी के खिलाफ कोई नकारात्मक भावना फैलाना नहीं रहा।

उनका मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री को यह समझना चाहिए कि किसी के बारे में धारणा बनाना या किसी को कम आंकना उसे उस व्यक्ति के द्वारा किए गए अच्छे काम को पहचानने से रोकता है। उनका संदेश साफ था: "मेरे बारे में कभी कोई धारणा न रखें, मुझे समझने की कोशिश भी मत करें, मैं अपने काम के जरिए खुद को साबित करूंगी।"

कंगना का आत्मविश्वास और फिल्म इंडस्ट्री पर चुनौती

कंगना की यह प्रतिक्रिया फिल्म इंडस्ट्री में व्यापक चर्चा का कारण बन गई है, क्योंकि उन्होंने उन सभी व्यक्तियों को चुनौती दी है, जो उनके काम और उनकी क्षमता पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने खुद को साबित किया है और वह अपनी फिल्म इमरजेंसी के माध्यम से यह संदेश देना चाहती हैं कि वे किसी भी तरह की पूर्व धारणा से बाहर निकलकर अपनी असल पहचान बनाना चाहती हैं।

कंगना का यह रुख दर्शाता है कि वे सिर्फ एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि एक निर्देशक भी हैं जो सशक्त तरीके से अपनी आवाज उठा सकती हैं। उनका यह विश्वास और आत्मसम्मान फिल्म इंडस्ट्री में नए मानक स्थापित करने का कारण बन सकता है।