
Times News Hindi,Digital Desk : हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस यात्रा को करने से मोक्ष प्राप्त होता है और जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इनमें से केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र स्थल है, जिसके दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
साल 2025 में चार धाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी। इस यात्रा के तहत 2 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले जाएंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि कपाट खुलने से पहले पंचमुखी मूर्ति की डोली क्यों निकाली जाती है?
पंचमुखी डोली की यह परंपरा सदियों पुरानी है, जो केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने और बंद होने से जुड़ी हुई है। मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर ले जाया जाता है। यहां पर छह महीने तक भगवान केदारनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना होती है। इसके बाद जब दोबारा कपाट खोलने का समय आता है, तब इस पंचमुखी डोली को उखीमठ से पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ वापस केदारनाथ लाया जाता है।
पंचमुखी डोली में भगवान केदारनाथ के पांच मुखों को दर्शाया गया है, जो चांदी से बने होते हैं। डोली के साथ-साथ बाबा भैरवनाथ की पूजा भी की जाती है। इसे शुभ माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि यह परंपरा यात्रा के सकुशल होने की गारंटी होती है। डोली के केदारनाथ धाम पहुंचने के बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है, जिसके पश्चात मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाते हैं।
Read More: 1 मई राशिफल: जानिए कौन सी 4 राशियों के लिए होगा शुभ समाचार, पढ़ें आज का दैनिक राशिफल