
तिथि और शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ: 23 अप्रैल 2025 (बुधवार) शाम 4:43 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 24 अप्रैल 2025 (गुरुवार) दोपहर 2:32 बजे
व्रत तिथि (उदय तिथि अनुसार): 24 अप्रैल 2025 (गुरुवार)
पारण तिथि (द्वादशी): 25 अप्रैल 2025 (शुक्रवार)
पारण समय: प्रातः 5:46 से 8:23 बजे तक
द्वादशी पर दान करना एकादशी व्रत को पूर्ण फल प्रदान करता है।
पूजा विधि (Varuthini Ekadashi Puja Vidhi)
प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
लाल या पीले कपड़े पर लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति रखें।
गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें।
भगवान को तिलक लगाएं, पीले फूल अर्पित करें।
दीपक जलाकर आरती करें।
विष्णु चालीसा और व्रत कथा का पाठ करें।
फल, मिठाई और पीले वस्त्र भगवान को अर्पित करें।
प्रसाद वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें।
व्रत का महत्व (Varuthini Ekadashi Ka Mahatva)
यह व्रत भगवान लक्ष्मी-नारायण की कृपा पाने का श्रेष्ठ अवसर माना जाता है।
व्रत से सुख, समृद्धि और पारिवारिक शांति में वृद्धि होती है।
विशेष रूप से यह व्रत महिलाओं के लिए फलदायी होता है।
भगवान विष्णु को अर्पण करने योग्य वस्तुएं
तुलसी के पत्ते
केला
पीली मिठाई
कमल का फूल
पीले वस्त्र
वरूथिनी एकादशी मंत्र (Mantras to Chant)
विष्णु स्तुति मंत्र:
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्
लक्ष्मी-गणेश स्तुति मंत्र:
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे
Read More:
26 April Rashifal : मेष, वृषभ समेत इन 4 राशि वालों के लिए शुभ संकेत, जानें आज का दिन कैसा रहेगा