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हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से जीवन के सभी प्रकार के भय और संकट दूर होते हैं।

वैशाख कालाष्टमी 2025 कब है?

अष्टमी तिथि शुरू: 20 अप्रैल 2025, रविवार को रात 7:01 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त: 21 अप्रैल 2025, सोमवार को शाम 6:58 बजे

व्रत तिथि: 21 अप्रैल 2025, सोमवार

कालाष्टमी को क्या करना चाहिए?

काल भैरव की पूजा करें और उन्हें गुड़, दही व हलवा का भोग अर्पित करें।

काले कुत्ते को भोजन कराना शुभ माना जाता है।

जरूरतमंदों को अन्न का दान करें।

भूत-प्रेत के भय से बचने के लिए भैरव मंत्रों का जाप करें।

शिव पुराण का पाठ करें या शिव चालीसा का जाप करें।

मांसाहारी भोजन से परहेज करें और सभी से मधुर व्यवहार करें।

कालाष्टमी पूजा मंत्र

ॐ काल भैरवाय नमः

ॐ क्रीं क्रीं कालभैरवाय फट

ॐ हं षं खं महाकाल भैरवाय नमः

कालाष्टमी के विशेष उपाय

1. सुख-समृद्धि के लिए

काल भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाकर यह मंत्र जपें:
“ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ”

2. सेहत के लिए

सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी को काले कुत्ते को खिलाएं और मन में काल भैरव का ध्यान करें।

3. आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए

एक काले धागे को काल भैरव के चरणों में 5 मिनट तक रखें, फिर उसे दाएं पैर में बांधें।

4. पारिवारिक समस्याओं के निवारण के लिए

प्रात:काल स्नान के बाद शिव प्रतिमा के सामने बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें।


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