
Times News Hindi,Digital Desk : अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) ने भारत की दवा क्षेत्र की कंपनी रैप्टिम रिसर्च (Raptim Research) के खिलाफ डेटा में बड़े स्तर पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। USFDA के मुताबिक, नवी मुंबई स्थित इस कंपनी द्वारा की गई कई क्लीनिकल स्टडीज में डेटा फर्जीवाड़ा (Data Falsification) पाया गया है। मार्च में जारी एक पत्र में अमेरिकी रेग्युलेटर ने कंपनी के सभी इन-विट्रो (प्रयोगशाला) परीक्षणों के परिणामों को अविश्वसनीय घोषित किया है। साथ ही प्रभावित दवा कंपनियों को ये परीक्षण दोबारा करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
पूर्व में भी हुए हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब भारतीय कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (CROs) पर डेटा की विश्वसनीयता के सवाल उठे हों। वर्ष 2015 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेन्नई की क्वेस्ट लाइफ साइंसेज को HIV दवा परीक्षणों के दौरान ECG डेटा में गड़बड़ी के कारण नोटिस जारी किया था। वहीं 2021 में नवी मुंबई की पैनेक्सल क्लिनिकल लैब और गुजरात की सिंक्रोन रिसर्च सर्विसेज भी डेटा उल्लंघन के मामलों में फंसी थीं।
भारतीय CRO सेक्टर का विस्तार
भारत का CRO उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है। वर्तमान में यह उद्योग 10.75 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है और 2030 तक इसका बाजार आकार 2.5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत कम लागत और दक्ष मानव संसाधनों की उपलब्धता के कारण वैश्विक CRO का हब बन रहा है।
बढ़ती चिंताएं
विशेषज्ञों का मानना है कि उद्योग की तेज वृद्धि के साथ-साथ नियामकीय कमजोरियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। विशेष तौर पर न्यूट्रास्यूटिकल्स और नेचुरल हेल्थ सप्लीमेंट्स के क्षेत्र में निगरानी और नियंत्रण बेहद कमजोर हैं, जिसके चलते परिणामों में असामान्य सकारात्मकता और अतिरंजित दावे सामने आ रहे हैं।
विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रेगुलेटरी निगरानी में सख्ती और डेटा विश्वसनीयता की सुरक्षा करना आवश्यक है। ऐसा न होने पर भारतीय क्लीनिकल रिसर्च सेक्टर की अंतरराष्ट्रीय साख को भारी नुकसान पहुंच सकता है, साथ ही आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
कंपनी परिचय: Raptim Research Pvt. Ltd.
रैप्टिम रिसर्च की स्थापना 2002 में हुई थी, और यह नवी मुंबई स्थित एक कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (CRO) है। कंपनी मुख्यत: बायोएवेलिबिलिटी/बायोइक्विवलेंस (BA/BE) अध्ययन, इन-विट्रो परीक्षण और क्लीनिकल ट्रायल सेवाएं प्रदान करती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कंपनी का राजस्व ₹176 करोड़ था और वर्तमान में यहां लगभग 552 कर्मचारी कार्यरत हैं।
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