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Times News Hindi,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर भारी टैरिफ लगाने के कारण संकट में आई चीनी कंपनियां अब भारत की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही हैं। अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर लगभग 145% टैरिफ लगाने से चीनी कंपनियां सीधे अमेरिकी बाजार को निर्यात नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में, ये कंपनियां भारतीय निर्यातकों के साथ जुड़कर अमेरिका में अपने ग्राहकों की मांग पूरी करना चाहती हैं।

हाल ही में चीन के गुआंगझोउ में चल रहे कैंटन फेयर में कई चीनी कंपनियों ने भारतीय निर्यातकों से संपर्क किया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि चीनी कंपनियां भारतीय कंपनियों के माध्यम से अपने अमेरिकी ग्राहकों तक माल पहुंचाने का प्रस्ताव दे रही हैं। इसके बदले में भारतीय कंपनियों को बिक्री पर मिलने वाले लाभ में से एक निश्चित कमीशन चीनी कंपनियों को देना होगा।

भारतीय कंपनियों को इस घटनाक्रम से अमेरिका से नए ऑर्डर्स मिलने की उम्मीद है। भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले उत्पादों पर फिलहाल सिर्फ 10% टैरिफ लगता है, जो ट्रंप की नई नीति के तहत जुलाई में 26% तक पहुंच सकता है। फिर भी यह चीन के 145% टैरिफ की तुलना में काफी कम होगा।

चीनी कंपनियां हैंड टूल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेज जैसे सेक्टरों में भारतीय कंपनियों से को-ब्रांडिंग या भारतीय ब्रांड के नाम से माल सप्लाई करने की योजना बना रही हैं। जालंधर की OayKay Tools जैसी भारतीय कंपनियां पहले से ही चीन और अमेरिका की कंपनियों के साथ बातचीत कर रही हैं।

अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी तेजी से प्रगति हो रही है, जो भारतीय निर्यातकों को और सुरक्षा प्रदान कर सकता है। हाल ही में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत यात्रा के दौरान इस समझौते को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति का जिक्र किया था।

हालांकि, अमेरिका चीन के खिलाफ दबाव बनाए रखने के लिए पूरी तरह भारतीय कंपनियों को खुली छूट देगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। बावजूद इसके, वर्तमान परिस्थितियों में भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में कारोबार बढ़ाने का बड़ा अवसर खुल गया है।


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