
Donald Trump On China XI Jinping : अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर लगाए गए भारी टैरिफ से चीन को आंशिक छूट देने की घोषणा की है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब टैरिफ की वजह से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा था। इस कदम को उपभोक्ताओं और टेक इंडस्ट्री दोनों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
शुक्रवार देर रात अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा कार्यालय ने एक आधिकारिक नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया कि चीन से अमेरिका में आयात होने वाले कई इलेक्ट्रॉनिक सामान अब टैरिफ के दायरे से बाहर होंगे। इन उत्पादों में स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और मेमोरी कार्ड शामिल हैं। इससे पहले इन पर 145 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क लगाया जा रहा था, जिससे इनकी कीमतों में भारी इजाफा हो गया था।
अमेरिकी टेक इंडस्ट्री को राहत
नई छूट का लाभ विशेष रूप से उन उत्पादों को मिलेगा, जो अमेरिका में बड़ी मात्रा में चीन से आयात किए जाते हैं लेकिन जिनका घरेलू उत्पादन बहुत सीमित है। इनमें हार्ड ड्राइव और कंप्यूटर प्रोसेसर जैसे उपकरण शामिल हैं। ये ऐसे उत्पाद हैं जो अमेरिका में आम तौर पर नहीं बनाए जाते और जिन पर टैरिफ लगाने से कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान हो रहा था।
ट्रंप प्रशासन की मूल योजना यह थी कि चीन पर टैरिफ लगाकर अमेरिका में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी नए उद्योग को खड़ा करने में समय लगता है और इस दौरान आयातित वस्तुओं पर टैरिफ लगाने से उपभोक्ताओं पर भारी आर्थिक दबाव पड़ता है। यही वजह है कि प्रशासन को अपने निर्णय में बदलाव करना पड़ा।
बीजिंग की प्रतिक्रिया और वैश्विक बाजार पर असर
चीन की ओर से इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चीन किसी भी प्रकार की धमकी के आगे झुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन डरता नहीं है और वो अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए तैयार है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे इस व्यापार युद्ध ने वैश्विक आर्थिक बाजारों में भी हलचल मचा दी है।
इस विवाद के कारण वैश्विक निवेशकों में चिंता बढ़ी है और व्यापारिक अनिश्चितता ने शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर डाला है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये स्थिति लंबे समय तक बनी रही, तो इसका असर वैश्विक मंदी के रूप में सामने आ सकता है।
डब्ल्यूटीओ में चीन की शिकायत
चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ नाराजगी जताई है। उन्होंने डब्ल्यूटीओ प्रमुख नगोजी ओकोंजो-इवेला से बातचीत में कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए ये टैरिफ केवल चीन ही नहीं, बल्कि अन्य विकासशील देशों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अस्थिरता और अनिश्चितता बढ़ी है।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया और भविष्य की उम्मीदें
व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप चीन के साथ समझौता करने के लिए आशावादी हैं। हालांकि, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी बातचीत की पहल चीन को करनी होगी। फिलहाल यह देखना बाकी है कि दोनों देशों के बीच चल रहे इस तनाव में आगे क्या मोड़ आता है।
यह निर्णय जहां अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आया है, वहीं वैश्विक आर्थिक संतुलन और व्यापारिक संबंधों पर इसके दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। इस स्थिति में अब निगाहें दोनों देशों की अगली रणनीतिक चाल पर टिकी हैं।