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भारत में वैकल्पिक निवेश फंड (Alternative Investment Funds - AIFs) अब केवल हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स या इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की पसंद नहीं रह गए हैं, बल्कि यह फाइनेंशियल ग्रोथ के एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभर कर सामने आए हैं। वित्त वर्ष 2025 की पहली तीन तिमाहियों (अप्रैल से दिसंबर 2024) में AIF में कुल ₹5,06,196 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी रियल एस्टेट सेक्टर की रही।

क्या है वैकल्पिक निवेश फंड (AIF)?

AIF वे निवेश फंड हैं जो पारंपरिक निवेशों जैसे कि इक्विटी शेयर या डेट इंस्ट्रूमेंट्स से अलग विकल्पों में निवेश करते हैं। इनमें प्राइवेट इक्विटी, हेज फंड, वेंचर कैपिटल, इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट प्रमुख रूप से शामिल हैं।

ये फंड सीमित निवेशकों से निजी रूप से पूंजी जुटाते हैं।

इनमें निवेश उच्च जोखिम के साथ उच्च रिटर्न की संभावना भी लाता है।

इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है: कैटेगरी I, II और III।

रियल एस्टेट में सबसे ज्यादा निवेश

एनारॉक रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान एआईएफ द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर में ₹73,903 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। यह कुल निवेश का करीब 15% है।

यह आंकड़ा FY24 के ₹68,540 करोड़ से 8% अधिक है।

यह दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा इस क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है।

रियल एस्टेट सेक्टर की फाइनेंसिंग में पारंपरिक बैंकिंग विकल्पों की सीमाओं के बीच AIF ने फंडिंग गैप को भरा है।

अन्य लाभान्वित क्षेत्र

हालांकि रियल एस्टेट का दबदबा बना हुआ है, परंतु अन्य क्षेत्रों को भी AIF से अच्छा निवेश मिला है, जैसे:

आईटी/आईटीईएस

फाइनेंशियल सर्विसेज और एनबीएफसी

फार्मा और हेल्थकेयर

एफएमसीजी और रिटेल

रिन्यूएबल एनर्जी

यह विविधता दिखाती है कि AIF का प्रभाव कई क्षेत्रों में फैला है, जिससे यह निवेशकों के लिए एक विविधीकृत अवसर प्रदान करता है।

AIF सेक्टर का अभूतपूर्व विकास

2013 में जहां केवल 42 AIF रजिस्टर्ड थे, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 1,524 हो चुकी है।

यह एक 36 गुना वृद्धि को दर्शाता है।

2019 से इसमें 5 गुना उछाल आया है।

यह बदलाव न केवल निवेशकों की सोच में परिवर्तन को दर्शाता है बल्कि नियामक ढांचे और बाजार की परिपक्वता की ओर भी इशारा करता है।

निवेश प्रतिबद्धताओं में जबरदस्त वृद्धि

2013 से 2025 के बीच AIF में जुटाई गई प्रतिबद्ध पूंजी की CAGR (Compound Annual Growth Rate) रही 83.4%, जो किसी भी सेक्टर के लिए असाधारण है। यह दर्शाता है कि निवेशकों ने AIF को दीर्घकालिक और स्थिर आय का साधन माना है।

AIF: एक स्थायी और स्केलेबल फंडिंग मॉडल

एनारॉक ग्रुप के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत ठाकुर के अनुसार:

"पारंपरिक बैंकिंग स्रोतों पर बढ़ती निर्भरता और उनकी सीमाओं के कारण, AIF रियल एस्टेट समेत अन्य क्षेत्रों के लिए एक वैकल्पिक और कुशल वित्तपोषण विकल्प बन गया है।"

उन्होंने कहा कि:

ब्लेंडेड फाइनेंस मॉडल

एआई-आधारित रिस्क असेसमेंट

सुव्यवस्थित नियामक तंत्र

इन सबकी मदद से AIF का प्रभाव और भी अधिक व्यापक हो रहा है।

कैटेगरी-II AIF का दबदबा

AIF में अधिकतर निवेश कैटेगरी-II फंड्स के अंतर्गत आता है, जो पिछले 5 वित्तीय वर्षों में कुल प्रतिबद्धताओं का लगभग 80% रहा है। यह फंड्स रियल एस्टेट और प्राइवेट इक्विटी जैसे स्थिर लेकिन लाभदायक क्षेत्रों में निवेश करते हैं।

भविष्य की राह

रियल एस्टेट में निवेश की मौजूदा गति FY25 के शेष महीनों में भी बरकरार रहने की उम्मीद है।

विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि AIF को ग्लोबल फाइनेंसिंग ट्रेंड्स के साथ जोड़ती है।

स्टार्टअप्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भी AIF की भूमिका अहम बनती जा रही है।


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