
केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र अब 11 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है, जो पिछले दस वर्षों में पांच गुना बढ़त को दर्शाता है। यह क्षेत्र अब तक 25 लाख नौकरियां पैदा कर चुका है।
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में भी भारी उछाल
उन्होंने मानेसर, हरियाणा में VVDN टेक्नोलॉजीज की SMT लाइन का उद्घाटन करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी छह गुना बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह आंकड़ा भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
नया SMT प्लांट बड़े और जटिल उत्पादों जैसे AI सर्वर, नेटवर्किंग इक्विपमेंट और मदरबोर्ड को मैन्युफैक्चर करने में सक्षम होगा। इससे भारत की आयात पर निर्भरता घटेगी और देश की सप्लाई चेन और भी मजबूत होगी। यह पहल “डिज़ाइन और मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” को नई गति देती है।
पीएलआई स्कीम और नई घोषणाएं
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में 22,919 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स पीएलआई योजना को मंजूरी दी गई है, जो घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करेगी और निवेश को आकर्षित करेगी।
तकनीकी नवाचारों का केंद्र बनेगा VVDN प्लांट
VVDN की यह SMT लाइन देश की सबसे बड़ी लाइन है, जो 850 मिमी x 560 मिमी तक के पीसीबी सपोर्ट करती है। इसकी उत्पादन क्षमता 2.5 लाख CPH (कंपोनेंट प्रति घंटे) है। उद्घाटन समारोह के दौरान मंत्री ने VVDN की आरएंडडी लैब्स का निरीक्षण भी किया, जहां भारत का एआई सर्वर 'आदिपोली' भी प्रदर्शित किया गया।
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