img

Times News Hindi,Digital Desk : सुप्रीम कोर्ट ने एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पहली बार जजों की संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक कर दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना सहित 20 अन्य जजों की संपत्ति की घोषणा सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। विशेष रूप से, इन जजों में वे तीन जज भी शामिल हैं जो आने वाले समय में CJI बनने वाले हैं।

यह कदम न्यायपालिका में पारदर्शिता बढ़ाने और जनता के भरोसे को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। दरअसल, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने की घटना के बाद लिया गया था। सीजेआई खन्ना की अध्यक्षता में हुई सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट बैठक में इस अहम निर्णय को मंजूरी मिली थी।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जनता की जागरूकता के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया का पूरा विवरण भी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना में नवंबर 2022 से मई 2025 के बीच हुई हाईकोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्तियों की जानकारी शामिल है। इसमें कॉलेजियम द्वारा अनुमोदित नाम, नियुक्ति स्रोत (सेवा या बार), अधिसूचना की तारीख और विशेष श्रेणी (SC/ST/OBC/अल्पसंख्यक/महिला) जैसी जानकारी मौजूद है।

वेबसाइट के अनुसार, CJI डीवीई चंद्रचूड़ के समय अनुशंसित 17 नाम और वर्तमान CJI संजीव खन्ना के नेतृत्व वाले कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित 12 नाम अब भी केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। इस तरह कुल 29 जजों के नाम सरकार की मंजूरी के इंतजार में हैं।

इस बीच, जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट CJI खन्ना को सौंप दी है। इस समिति में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी एस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल थीं। रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर आग लगने के बाद नकदी मिलने की घटना की जांच के निष्कर्ष मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल न्यायिक कार्यों से जस्टिस वर्मा को दूर रखने का निर्देश भी दिया है।


Read More: