
Times News Hindi,Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा को लेकर पूरे देश में सतर्कता बढ़ा दी है। इसी क्रम में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करने और युद्ध जैसे हालात के लिए 'मॉक ड्रिल' आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने सोशल मीडिया पर एक जागरूकता वीडियो जारी किया है, जिसमें नागरिकों से सतर्क और संयमित रहने की अपील की गई है।
इस वीडियो संदेश में दिखाया गया है कि आम जिंदगी में, जब परिवार खाना खा रहे हों या बच्चे खेल रहे हों, अचानक सायरन की आवाज से स्थिति तुरंत बदल जाती है। इस दौरान NDMA ने नागरिकों को समझाया है कि सुरक्षा की शुरुआत घर से होती है, इसलिए सतर्कता और संयम आवश्यक है।
वीडियो में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा गया है कि सायरन बजते ही सभी लोग तुरंत अपने घरों की लाइट, पंखे, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर दें। खिड़कियां और पर्दे तुरंत बंद कर लें, क्योंकि छोटी-सी लापरवाही भी दुश्मनों को संकेत दे सकती है। वीडियो के अनुसार, "यह डर नहीं, बल्कि जागरूकता और हमारी मजबूती की पहचान है।"
परिवारों को सलाह दी गई है कि वे इस ड्रिल को बच्चों के साथ खेल के तौर पर देखें, ताकि बच्चे बिना घबराए इस प्रक्रिया से परिचित हो सकें। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि परिवार के सदस्य मिलकर कैसे इस प्रक्रिया का पालन करें, जिसमें छोटे बच्चे भी पर्दे बंद करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:
मॉक ड्रिल का प्रोटोकॉल स्थानीय पुलिस और सिविल डिफेंस अधिकारी निर्धारित करेंगे।
युद्ध जैसी स्थिति के लिए सायरन बजाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारी देंगे।
सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) से अधिकारियों द्वारा सूचना दी जाएगी।
अगर ड्रिल के दौरान आप गाड़ी चला रहे हैं, तो वाहन रोककर सुरक्षित जगह पर रुक जाएं।
जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी, पूरी तरह से बंद नहीं होंगी।
पूरे शहर में एक साथ मॉक ड्रिल नहीं होगी; इसे चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद नहीं की जाएंगी।
ब्लैकआउट की अवधि और तरीका जिला प्रशासन और सिविल डिफेंस तय करेगा।
बड़े शहरों में घरों के पास बंकर न होने पर बेसमेंट का उपयोग सुरक्षित होगा।
रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, बड़े चौराहे और धार्मिक महत्व के स्थानों पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग आवश्यक सूचना प्रसारित करने में किया जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य जनता को संभावित खतरे के लिए मानसिक और व्यवहारिक रूप से तैयार करना है, ताकि वास्तविक आपात स्थिति में घबराहट और अफरा-तफरी न हो, और नागरिक एकजुटता के साथ मजबूती से स्थिति का सामना कर सकें।