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Times News Hindi,Digital Desk : सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने हाल ही में भारतीय टैक्स विभाग की ओर से जारी 520 मिलियन डॉलर की टैक्स डिमांड के खिलाफ अपील दायर की है। कंपनी का कहना है कि जिस उपकरण के आयात पर उससे टैक्स मांगा जा रहा है, वही उपकरण रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वर्षों तक बिना टैक्स के आयात किए थे।

सैमसंग ने 17 अप्रैल की अपनी फाइलिंग में स्पष्ट किया कि टैक्स अधिकारियों को कंपनी के अपनाए गए क्लासिफिकेशन की पूरी जानकारी थी, लेकिन कभी भी उस पर सवाल नहीं उठाया गया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यह फाइलिंग अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।

भारतीय टैक्स विभाग ने जनवरी 2025 में सैमसंग पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने नेटवर्किंग उपकरणों (Remote Radio Heads) के आयात पर आवश्यक टैरिफ (10-20%) का भुगतान नहीं किया, जो 2018 से 2021 के बीच रिलायंस जियो को बेचे गए थे। विभाग की ओर से 520 मिलियन डॉलर का टैक्स नोटिस जारी किया गया, साथ ही सैमसंग के सात कर्मचारियों पर अतिरिक्त 81 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। कुल टैक्स डिमांड अब 601 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।

सैमसंग ने अपील में बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2017 तक तीन वर्षों तक इसी प्रकार के उपकरण बिना किसी टैक्स भुगतान के आयात किए थे, और जब टैक्स विभाग ने चेतावनी दी, तो रिलायंस ने इन उपकरणों का आयात बंद कर दिया और सैमसंग को कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। हालांकि, रिलायंस ने सैमसंग को टैक्स विभाग की इस चेतावनी के बारे में सूचित नहीं किया था। इसी वजह से सैमसंग ने भी यही समझा कि उपकरणों के आयात पर टैक्स देना आवश्यक नहीं है।

सैमसंग ने अपनी फाइलिंग में टैक्स विभाग पर आरोप लगाया कि जनवरी में जल्दबाजी में आदेश जारी किया गया, जिससे कंपनी को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। अभी तक टैक्स विभाग या रिलायंस की ओर से रॉयटर्स के सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


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