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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के सिलसिले में आज रॉबर्ट वाड्रा से तीसरे दिन की पूछताछ हो रही है। बीते दो दिनों में ईडी ने उनसे करीब 12 घंटे तक सवाल-जवाब किए हैं, और आज भी यह सिलसिला लंबा चलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, यह पूछताछ शाम करीब साढ़े 6 बजे तक चल सकती है।

इस पूरी कार्रवाई के दौरान एक बात स्पष्ट तौर पर सामने आ रही है—प्रियंका गांधी वाड्रा अपने पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ मजबूती से खड़ी हैं। जब बुधवार को रॉबर्ट वाड्रा पूछताछ के लिए पहुंचे थे, तब भी प्रियंका उनके साथ थीं। गुरुवार को भी वही नजारा देखने को मिला। प्रियंका गांधी खुद उन्हें ईडी दफ्तर छोड़ने आईं, जिससे यह संदेश साफ गया कि परिवार इस कठिन समय में एकजुट है। वो इस हालात से घबराए नहीं हैं, बल्कि डटकर इसका सामना कर रहे हैं।

पूछताछ के दौरान रॉबर्ट वाड्रा बीच में लंच के लिए घर लौटे थे और उस वक्त भी प्रियंका उनके साथ नजर आईं। बुधवार को भी जब वाड्रा से ईडी की टीम सवाल-जवाब कर रही थी, प्रियंका करीब दो घंटे तक ईडी दफ्तर के विजिटर रूम में बैठी रहीं। लंच के बाद वह खुद उन्हें वापस ईडी मुख्यालय लेकर पहुंचीं।

गुरुवार सुबह 11 बजे रॉबर्ट वाड्रा को फिर से ईडी दफ्तर बुलाया गया था और वे तय समय पर वहां पहुंच गए। आज भी उनकी पत्नी प्रियंका उन्हें ड्रॉप करने खुद आईं, जो उनके समर्थन का प्रतीक है।

रॉबर्ट वाड्रा का बयान: पुराने सवालों को दोहराया जा रहा है

ईडी की पूछताछ पर रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि उनसे वही पुराने सवाल बार-बार पूछे जा रहे हैं। दूसरी ओर, ईडी का कहना है कि उनके पास कुछ नए तथ्य और दस्तावेज सामने आए हैं, जिनके आधार पर सवाल पूछे जा रहे हैं।

पूछताछ का यह मामला साल 2008 से जुड़ा है, जिसमें गुरुग्राम की ओंकारेश्वर प्रॉपर्टी के मालिक सुरेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने 3.5 एकड़ जमीन की डील की थी। शर्मा के मुताबिक, यह जमीन करीब 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी, और बाद में जब हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में उस जमीन का लैंड यूज बदला गया, तो इसे डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया।

सोशल मीडिया पर रॉबर्ट वाड्रा का बयान: सत्य की जीत होगी

पूछताछ से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा कि उनके जन्मदिन के सप्ताह में सेवा के कुछ कार्यक्रम रोक दिए गए हैं। वे बुजुर्गों को भोजन कराने और बच्चों को उपहार देने की योजनाएं बना रहे थे, जिन्हें अब वे कुछ समय के लिए स्थगित कर रहे हैं।

वाड्रा ने लिखा कि जब तक सरकार उन्हें अच्छे काम करने या अन्याय के खिलाफ बोलने से नहीं रोकती, वे अपनी योजनाएं जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी तरह के दबाव का सामना करने को तैयार हैं और उन्हें अपने सत्य पर विश्वास है। वे मानते हैं कि अंत में जीत सच्चाई की ही होगी।

क्या है मामला: साल 2018 में दर्ज हुआ था केस

यह पूरा मामला पहली बार तब उजागर हुआ जब साल 2018 में तौरू के निवासी सुरेंद्र शर्मा ने गुरुग्राम के खेरकी दौला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर 1 सितंबर 2018 को केस दर्ज किया गया था। शिकायत में कहा गया था कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है।

इस केस में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया है। शुरुआत में यह मामला आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 (षड्यंत्र), 467, 468 और 471 के तहत दर्ज हुआ था। बाद में इस मामले में आईपीसी की धारा 423 भी जोड़ी गई।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि फरवरी 2008 में वाड्रा की कंपनी ने गुड़गांव के शिकोहपुर इलाके में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। बाद में जब कंपनी को कमर्शियल लाइसेंस मिल गया, तो उसी जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। इसी डील में हुई कथित अनियमितताओं की जांच अब ईडी कर रही है।


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