
Pahalgam Attack Impact : 22 अप्रैल को कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस घटना ने न सिर्फ कई परिवारों के सपनों को तोड़ा, बल्कि कश्मीर की तेजी से सुधर रही आर्थिक स्थिति को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
पाकिस्तान पर भारत की सख्त कार्रवाई
इस घटना के बाद भारत सरकार ने तुरंत कठोर कदम उठाए:
सिंधु जल संधि को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया।
पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास बंद किया गया।
ऑटारी बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया।
पाकिस्तान के सभी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
इन फैसलों से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूत प्रतिबद्धता स्पष्ट की है।
आर्थिक विकास को भारी झटका
कश्मीर का पर्यटन उद्योग राज्य की जीएसडीपी का लगभग 7-8 प्रतिशत हिस्सा है। 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई थी। 2024 में रिकॉर्ड 2.36 करोड़ पर्यटक घाटी पहुंचे थे, जिसमें 65 हजार विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। अकेले श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन ने 26 दिनों में 8 लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया था।
किन सेक्टर्स पर होगा असर?
पर्यटन उद्योग
पर्यटकों के मन में डर बैठने से होटल, ट्रांसपोर्ट, गाइड और स्थानीय दुकानों को भारी नुकसान होगा।
निवेश में गिरावट
लगभग 1.63 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश प्रोजेक्ट अब सवालों के घेरे में हैं। सुरक्षा की चिंताओं के कारण निवेशकों की रुचि कम हो सकती है।
रोजगार और आय
वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय ₹1.55 लाख तक पहुंच चुकी थी, जो अब कम हो सकती है। बेरोजगारी में वृद्धि की आशंका है।
बैंकिंग और रियल एस्टेट
बैंकिंग सेक्टर को ऋण चुकाने में दिक्कतें हो सकती हैं।
कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग प्रोजेक्ट धीमे पड़ सकते हैं।
कृषि और बागवानी
कृषि क्षेत्र, खासतौर पर बागवानी, पर्यटन से जुड़ी मांगों पर काफी निर्भर है, जिस पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
सरकारी योजनाओं में देरी
सरकार की 28,400 करोड़ रुपये की इंडस्ट्रियल योजना के तहत स्वीकृत 971 प्रोजेक्ट भी अब धीमे पड़ सकते हैं।
क्या फिर उठ खड़ा होगा कश्मीर?
इतिहास गवाह है कि कश्मीर हर कठिनाई के बाद फिर उठ खड़ा हुआ है। 2018 की तुलना में 2023 तक आतंकी घटनाएं उल्लेखनीय रूप से घट गई थीं। इस कठिन समय में सरकार और स्थानीय नागरिकों को एकजुट होकर स्थिति को फिर से सामान्य बनाना होगा। सरकार की प्राथमिकता लोगों में सुरक्षा की भावना और विश्वास को बहाल करना होना चाहिए।
आतंकवाद पर जीत होगी विकास और एकता की
पहलगाम का आतंकी हमला कश्मीर की उम्मीदों को खत्म नहीं कर सकता। देश का समर्थन और कश्मीर की जनता की मजबूती ये साबित करेगी कि विकास, विश्वास और एकता ही आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ा जवाब है।
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