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Times News Hindi,Digital Desk : पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बेहद भावुक हो गए। विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं कैसे उन परिवारों से माफी मांगूं। मैं ही था जिसने टूरिज्म मिनिस्टर और मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें कश्मीर आने की दावत दी थी, लेकिन अफसोस मैं उन्हें सुरक्षित वापस नहीं भेज सका।"

उन्होंने कहा कि "यह हमला हम सभी को अंदर तक खोखला कर गया।" उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में इस हमले में मारे गए सभी 26 टूरिस्टों के नाम पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने यह भी कहा कि "इस विधानसभा में मौजूद कई सदस्य खुद आतंकी हमलों में अपनों को खो चुके हैं, इसलिए हमसे बेहतर उनके दर्द को शायद ही कोई समझ सकता है।"

उमर अब्दुल्ला ने याद दिलाया कि यह 21 साल में पहला मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर आम नागरिकों पर हमला हुआ है। उन्होंने कहा, "इस मुश्किल वक्त में भी मैं एक उम्मीद की किरण देख रहा हूं। पहली बार मैंने देखा है कि कश्मीर के लोग किसी हमले के खिलाफ इतने खुलकर सामने आए हैं। कठुआ से कुपवाड़ा तक, शायद ही कोई ऐसा इलाका हो जहां इस हमले की निंदा में लोग सड़कों पर न उतरे हों। लोगों ने साफ कहा कि यह हमला हमारे नाम पर नहीं हुआ। मस्जिदों में जुमे की नमाज से पहले दो मिनट का मौन भी रखा गया, जो अपने आप में एक बड़ी बात है।"

उन्होंने आदिल नाम के युवा की बहादुरी का भी जिक्र किया, जिसने अपनी जान खतरे में डालकर पर्यटकों को बचाने की कोशिश की। उमर ने कहा, "जान बचाने के लिए भागना आसान था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।"

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “आतंकवाद का अंत तभी होगा जब जनता हमारे साथ होगी। हमारी तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठना चाहिए जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों या वे हमसे दूर हो जाएं। हमें जनता की इस एकजुटता को और मजबूत बनाना होगा।”


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