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बीजेपी नेता और फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए, खासकर चुनाव के दौरान, कम से कम दो महीने के लिए सेना की तैनाती जरूरी है ताकि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो सकें।

ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, "मैंने पहले भी अनुरोध किया है और अब भी केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध कर रहा हूं कि स्थिति की गंभीरता को समझा जाए। अगर सेना को तैनात किया जाए तो हालात काबू में आ सकते हैं और जनता को न्याय मिल सकेगा।"

महिला आयोग की सदस्य ने भी जताई चिंता

मुर्शिदाबाद में हाल की हिंसा के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां की असली स्थिति अभी तक किसी को ठीक से पता नहीं है। राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही है।"

NHRC ने भी की राहत शिविरों की जांच

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों का दौरा किया। वहां रह रही महिलाओं ने रोते हुए बताया कि उनकी संपत्ति लूट ली गई और उन्हें जबरन घर से निकाल दिया गया। राहत शिविरों में हालात इतने खराब हैं कि वहां रहना मुश्किल हो गया है।

एक महिला ने कहा, "हमें सूखी रोटियां, बासी चावल और केले दिए जा रहे हैं। पुलिस हमारे साथ अपराधियों जैसा बर्ताव कर रही है। यह राहत शिविर नहीं, किसी जेल जैसा लगता है।"

राजनीतिक तनाव बढ़ने के आसार

पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है। बीजेपी और विपक्ष राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं जबकि ममता सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।


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