
Times News Hindi,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में लगभग 8,900 करोड़ रुपये की लागत वाले 'विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज बंदरगाह' का उद्घाटन किया। इस बंदरगाह का निर्माण अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत किया गया है। उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के साथ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उद्योगपति गौतम अदाणी उपस्थित थे।
बंदरगाह के उद्घाटन के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में APSEZ के एमडी करण अदाणी ने कहा, "भारत में विकास को तेज करने के लिए हम जो भी निर्माण कर रहे हैं, उसे हम अभी पर्याप्त नहीं मानते। हमारा अंतिम लक्ष्य भारतीय निर्यातकों और आयातकों के लिए शिपिंग लागत कम करना है, जिससे देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। वर्तमान में विझिंजम बंदरगाह में प्रति कंटेनर लागत लगभग 40 डॉलर है, और यहां से मासिक लगभग एक लाख कंटेनरों की आवाजाही होती है।"
भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) के बारे में करण अदाणी ने कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर है, खासकर स्वेज नहर में बाधाओं से बचने के लिए। उन्होंने बताया कि अदाणी समूह के पास पश्चिमी भारत में मुंद्रा और विझिंजम जैसे महत्वपूर्ण बंदरगाह हैं, जो IMEC कॉरिडोर के लिए महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बन सकते हैं। इस कॉरिडोर का अंतिम निकास इजरायल के हाइफा बंदरगाह पर होगा, जिसका संचालन भी अदाणी समूह करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह बंदरगाह बड़े मालवाहक जहाजों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना प्रदान करेगा और इससे भारत की ट्रांसशिपमेंट गतिविधियों को विदेशी बंदरगाहों से वापस देश में लाया जा सकेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
करण अदाणी ने ट्वीट कर केंद्र, राज्य सरकार, केरल प्रशासन और स्थानीय जनता का आभार व्यक्त किया, और कहा कि यह बंदरगाह भारत की रणनीतिक समुद्री महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है।
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