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Times News Hindi,Digital Desk : पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों और सेना ने घाटी में आतंकियों के खिलाफ व्यापक ऑपरेशन तेज कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और सेना की संयुक्त जांच में आतंकियों को मदद पहुंचाने वाले कई स्थानीय मददगारों की पहचान हुई है, जिनसे पूछताछ जारी है। इस पूछताछ के दौरान ISI के "फॉरेन टेररिस्ट (FT) मॉड्यूल" का खुलासा हुआ है।

क्या है ISI का FT मॉड्यूल?

ISI (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) के FT मॉड्यूल के जरिए विदेशी आतंकियों को भर्ती कर कश्मीर भेजा जाता है। जांच के अनुसार, बीते कुछ वर्षों में घाटी में विदेशी आतंकियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इन आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने में पाकिस्तान सक्रिय मदद कर रहा है।

लोकल नेटवर्क को क्रैकडाउन कर रही सुरक्षा एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसियां इस FT मॉड्यूल के स्थानीय नेटवर्क को खत्म करने के लिए जोरदार कार्रवाई कर रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में कश्मीर में कुल 68 आतंकी मारे गए, जिनमें से 42 विदेशी थे। ज्यादातर विदेशी आतंकी LOC के रास्ते घुसपैठ करते हुए या घाटी में सुरक्षाबलों की कार्रवाई के दौरान मारे गए। बारामूला में सर्वाधिक विदेशी आतंकी मारे गए, जहां 9 मुठभेड़ों में 14 विदेशी आतंकी ढेर हुए। जम्मू क्षेत्र में भी लगभग 40 में से 35-36 विदेशी आतंकी मारे गए हैं।

घट रही स्थानीय आतंकियों की संख्या

इस कार्रवाई के कारण स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती में भारी गिरावट आई है। 2021 में 125 स्थानीय युवकों ने आतंकवाद का रास्ता चुना था, 2022 में यह संख्या घटकर 100, 2023 में केवल 22 और 2024 में सिर्फ 7 रह गई। वर्तमान में घाटी में सक्रिय स्थानीय आतंकियों की संख्या 10 से भी कम रह गई है।

आतंकी संगठनों के जरिए FT की भर्ती

स्थानीय आतंकियों की कमी पूरी करने के लिए ISI लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट), PAFF (पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट), और कश्मीर टाइगर्स जैसे संगठनों के माध्यम से प्रशिक्षित विदेशी आतंकी भेज रहा है।

सुरक्षा एजेंसियां इन संगठनों और उनके लोकल सपोर्ट नेटवर्क के खिलाफ लगातार एक्शन में जुटी हैं ताकि आतंकवाद की जड़ को खत्म किया जा सके।


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