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Times News Hindi,Digital Desk : भारतीय रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4) के वित्तीय नतीजे जारी कर दिए हैं। नवरत्न PSU का दर्जा मिलने के बाद कंपनी ने पहली बार अपने तिमाही नतीजे पेश किए हैं। इस तिमाही में IRFC ने 1,681.87 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 1,717.32 करोड़ रुपये के मुकाबले थोड़ा कम है।

ऑपरेशनल रेवेन्यू में वृद्धि

चौथी तिमाही में IRFC का ऑपरेशनल रेवेन्यू 4% बढ़कर 6,723 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह 6,474.58 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी के खर्च में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले साल के 4,761 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,042 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

सालाना लाभ में बढ़त

पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कंपनी का कुल शुद्ध लाभ 6,502 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह लाभ 6,412.12 करोड़ रुपये था। इस प्रकार, वार्षिक आधार पर IRFC के मुनाफे में बढ़ोतरी देखने को मिली है।

60,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य

IRFC के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी है। यह राशि टैक्स-फ्री बॉन्ड, टैक्सेबल बॉन्ड, कैपिटल गेन बॉन्ड, सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड और सरकारी सर्विस वाले बॉन्ड के माध्यम से जुटाई जाएगी।

इसके साथ ही रणधीर सहाय को डायरेक्टर (फाइनेंस) नियुक्त करने को भी मंजूरी दी गई है।

नई रणनीति पर ध्यान केंद्रित

IRFC के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कुमार दुबे ने बताया कि कंपनी कम लागत पर फंड जुटाने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। इनमें जीरो कूपन बॉन्ड्स, कैपिटल गेन टैक्स छूट वाले बॉन्ड और घरेलू बाजार से सस्ती दरों पर फंड जुटाना शामिल है। उन्होंने कहा कि IRFC अब इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अपनी भूमिका बढ़ाने पर ध्यान दे रही है, जिसमें रेलवे प्रमुख रहेगा।


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