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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद बांग्लादेश की ओर से आई प्रतिक्रिया पर भारत ने सख्त रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश को नसीहत दी है कि उसे भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से पहले अपने देश की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।

विदेश मंत्रालय की दो टूक प्रतिक्रिया

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश को भारतीय मामलों पर अनावश्यक टिप्पणियों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में पिछले एक साल से लगातार गंभीर आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं। जायसवाल ने साफ शब्दों में कहा कि बांग्लादेश की यह टिप्पणी एक सुनियोजित प्रयास है, ताकि भारत में हुई एक स्थानीय घटना को तूल देकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर भारत की चिंता को कमतर दिखाया जा सके।

भारत ने उठाया अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा

रणधीर जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश को सबसे पहले अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए। भारत ने यह साफ किया कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी बाहरी देश की टिप्पणी को वह उचित नहीं मानता।

एस जयशंकर ने जताई थी गंभीर चिंता

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में संसद में बताया था कि 2024 में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2,400 से अधिक मामले सामने आए हैं। यह संख्या चिंताजनक है और यह इस बात को साबित करती है कि बांग्लादेश को पहले अपने देश की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, बजाय इसके कि वह भारत में किसी एक घटना पर टिप्पणी करे।

बांग्लादेश की प्रतिक्रिया क्या थी

बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने भारत की ओर से बांग्लादेश का नाम लिए जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने स्पष्ट रूप से मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेश को घसीटने की कोशिश का विरोध किया है। उन्होंने भारत से यह आग्रह किया कि वह मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इस घटना में बांग्लादेश की भूमिका को जोड़ने की कोई कोशिश नहीं होनी चाहिए।

राज्यपाल का दौरा और ममता बनर्जी की आपत्ति

इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वह बेहद चिंताजनक और निंदनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को एकजुट होकर ऐसी घटनाओं का विरोध करना चाहिए। हालांकि, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से यह अनुरोध किया था कि वे ऐसे समय में दौरे से बचें, जब स्थिति पहले से तनावपूर्ण हो।


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