
Times News Hindi,Digital Desk : पाकिस्तान के साथ जुड़े पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत अब निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं को आतंकवाद के खिलाफ फ्री हैंड दे दिया है। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि दोषियों को हर हाल में कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस अनिल चौहान, एनएसए अजित डोभाल और सेना प्रमुख लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की महत्वपूर्ण बैठक भी हुई, जिसमें आतंक के खिलाफ एक व्यापक रणनीति तय होने की खबर है।
सेना को मिली इस खुली छूट से यह तय है कि जल्द ही भारत कठोर कार्रवाई करेगा। लेकिन पाकिस्तान भी इस बार पहले से सतर्क है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई उरी या बालाकोट की तुलना में बिल्कुल अलग और अप्रत्याशित हो सकती है।
पाकिस्तान की घबराहट और उसकी तैयारियां
भारत की ओर से मिल रही आक्रामक प्रतिक्रियाओं के चलते पाकिस्तान में दहशत का माहौल है। पाकिस्तानी सेना अब अफगानिस्तान सीमा से सैनिकों को हटाकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में तैनात कर रही है। भारतीय सेना की कार्रवाई के डर से पाकिस्तान पीओके को अभेद्य बनाने में लगा है। पाक वायुसेना लगातार एफ-16 विमानों से कॉम्बैट पेट्रोलिंग कर रही है ताकि वह किसी भी संभावित भारतीय हमले का जवाब दे सके।
इसके साथ ही पाकिस्तान के लिए एक बड़ी परेशानी बलूचिस्तान भी है, जहां से वह सैनिकों को हटाने में सक्षम नहीं है। उसे डर है कि बलूच लिबरेशन आर्मी इसका फायदा उठा लेगी। सिंधु जल समझौते के निलंबन के बाद पाकिस्तान की रणनीतिक मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। नदी का पानी कब छोड़ा जाएगा या रोका जाएगा, इसकी अब उसे कोई जानकारी नहीं मिलेगी। इससे उसकी सेना की रणनीतिक योजना बुरी तरह प्रभावित होगी।
वहीं पाकिस्तान की एक और बड़ी समस्या उसकी सैन्य तैयारी की कमजोर स्थिति है। पिछले दो साल से पाकिस्तान लगातार यूक्रेन को 155 मिमी की तोपों का गोला-बारूद सप्लाई कर रहा है। अब हालत यह है कि उसके पास खुद के लिए एक सप्ताह का भी गोला-बारूद नहीं बचा है। उसके पास ऐसे कारखाने भी नहीं हैं जो तुरंत सैन्य गोला-बारूद की कमी पूरी कर सकें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकेला पड़ा पाकिस्तान
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसे कश्मीरी जनता का समर्थन मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला जैसे नेताओं ने इस हमले के खिलाफ जोरदार बयान दिया है। अब पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अमेरिका ने भी साफ कह दिया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर अब दबाव है कि वे भारत को कार्रवाई करने से रोकने के लिए सऊदी अरब और यूएई से मदद मांगें।
भारत का अगला कदम क्या होगा, इसे लेकर पाकिस्तान की चिंता स्पष्ट नजर आ रही है। भारतीय सेना का अंतिम एक्शन कैसा होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन पाकिस्तान की बेचैनी ने यह साफ कर दिया है कि इस बार मुकाबला बिल्कुल अलग स्तर का होगा।