
Times News Hindi,Digital Desk : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से अलग-अलग बातचीत की। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी। गुटेरेस ने इस हमले की सख्त निंदा करते हुए न्याय और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी बयान में कहा गया कि गुटेरेस ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ फोन पर अलग-अलग चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता जाहिर की और ऐसी स्थिति से बचने की जरूरत पर बल दिया, जो गंभीर परिणाम पैदा कर सकती है। गुटेरेस ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने का आग्रह किया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र इसके लिए हर संभव मदद करने को तैयार है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि उन्होंने महासचिव गुटेरेस की स्पष्ट निंदा की सराहना की। उन्होंने कहा, "महासचिव गुटेरेस के साथ जवाबदेही पर हमारी सहमति बनी है। भारत पूरी दृढ़ता के साथ हमले के अपराधियों, योजनाकारों और समर्थकों को न्याय के कटघरे में खड़ा करेगा।"
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बातचीत के दौरान निष्पक्ष जांच की मांग की। शरीफ ने सोशल मीडिया पर कहा, "मैंने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की पुष्टि की है और भारत के आरोपों को खारिज किया है। हम पहलगाम की घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच चाहते हैं। पाकिस्तान शांति के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।"
पीएम मोदी ने दिया सेना को फ्री हैंड
इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को एक उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय सेना को कार्रवाई के लिए पूरी स्वतंत्रता दी है। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना भारत का संकल्प है और सेना के पास ऑपरेशनल स्वतंत्रता है।
भारत पहले ही सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठा चुका है। इनमें सिंधु जल संधि का निलंबन और अटारी बॉर्डर को बंद करना शामिल हैं। साथ ही भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को वापस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।