img

1. भूमिका: पहलगाम हमला और भारत का रोष

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की वादियों में एक ऐसा खूनी मंजर देखने को मिला, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। टूरिस्ट बस पर हुए आतंकी हमले में 26 बेगुनाहों की जान चली गई। इसमें 25 भारतीय नागरिक और 1 नेपाली टूरिस्ट शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी एक नए आतंकी संगठन ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ ने ली, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा बताया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘भारत की आत्मा पर हमला’ करार देते हुए देश की सेना को खुली छूट दे दी। उनका स्पष्ट संदेश था — जो भी इस घटना में शामिल है, वह किसी भी सूरत में बचेगा नहीं। सरकार और सेना हर स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।

भारत की जनता में भी आक्रोश की लहर है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं, सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और हर नागरिक यह चाहता है कि इस बार जवाब ऐसा हो, जो इतिहास में दर्ज हो जाए।

2. एयरस्पेस की बंदी: पाकिस्तान पर भारत की पहली मार

भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया है। ये फैसला 30 अप्रैल को लिया गया और ये 23 मई 2025 तक लागू रहेगा। इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है क्योंकि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को अब अपने उड़ान मार्गों को लंबा करना पड़ेगा, जिससे उड़ानों की लागत और समय दोनों बढ़ जाएंगे।

जिन रूट्स पर पहले 4 घंटे में विमान पहुंचते थे, अब वहां 6-7 घंटे लग रहे हैं। इससे विमानन ईंधन की खपत और टिकट की कीमत दोनों बढ़े हैं। यात्रियों को ना सिर्फ ज़्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे हैं बल्कि ट्रैवल टाइम भी बढ़ गया है।

इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना एयरस्पेस इसलिए भी बंद किया क्योंकि पाकिस्तान पहले ही भारत के लिए यह कदम उठा चुका था। यह रणनीति न केवल आर्थिक दबाव बनाने के लिए है, बल्कि पाकिस्तान को यह दिखाने के लिए भी है कि भारत अब हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है — चाहे वह ज़मीन हो या आसमान।

3. सिंधु जल समझौते पर रोक: पाकिस्तान की जल निर्भरता पर वार

साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी, जिसमें नदियों के जल बंटवारे का समझौता किया गया था। भारत को पूर्वी नदियों (सतलुज, रावी, व्यास) का और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का अधिकार दिया गया था।

अब भारत ने 23 अप्रैल 2025 को यह समझौता स्थगित कर दिया। इसका सीधा असर पाकिस्तान की जल आपूर्ति और सिंचाई व्यवस्था पर पड़ेगा। पाकिस्तान की 80% कृषि प्रणाली सिंधु नदी पर निर्भर है और इस समझौते के बिना उसकी खाद्य सुरक्षा भी खतरे में आ सकती है।

भारत ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि अब तक की तीन जंगों में भी इस संधि को नहीं छुआ गया था। लेकिन जब आतंकी हमलों से बार-बार भारत के नागरिक मारे जा रहे हों और पाकिस्तान उन आतंकियों को संरक्षण दे रहा हो, तो अब पानी रोकने का हक भारत को पूरी तरह से है।

यह फैसला पाकिस्तान के लिए किसी जल संकट से कम नहीं है। और यही भारत का इरादा है — बिना गोली चलाए पाकिस्तान को झुकाने की रणनीति।

4. अटारी बॉर्डर सील: व्यापार और आवाजाही पर असर

1 मई 2025 से भारत ने अटारी-वाघा सीमा को पूरी तरह सील कर दिया है। इस सीमा के जरिए पहले कुछ सामान जैसे फल, सब्जियां, सीमेंट आदि का सीमित व्यापार होता था। हालांकि 2019 में ही भारत ने पाकिस्तान से व्यापारिक संबंध तोड़ दिए थे, लेकिन अटारी बॉर्डर पर कुछ ट्रांजिट जारी थे।

अब इस सीमा के पूरी तरह बंद होने से ना सिर्फ व्यापार रुका है, बल्कि आम नागरिकों की आवाजाही पर भी रोक लग गई है। भारत ने आदेश दिया कि 1 मई से पहले जो भी पाकिस्तान से वैध रूप से आया है, उसे उसी रास्ते से वापस जाना होगा। इसके बाद सीमा पूरी तरह बंद रहेगी।

इस कदम से पाकिस्तान के व्यापारी वर्ग को बड़ा नुकसान होगा, क्योंकि भारत उनके लिए बड़ा बाजार रहा है। भारत ने यह साफ कर दिया है कि जब तक आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं होता, तब तक कोई संबंध नहीं रहेंगे — न व्यापारिक, न सामाजिक।

5. डिप्लोमैटिक कटौती: पाकिस्तान के साथ संबंधों में दूरी

भारत ने अपने डिप्लोमैटिक रिश्तों में भी कड़ा कदम उठाया है। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘व्यक्ति गैर-वांछित’ घोषित किया गया और उन्हें देश छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया, जो अब समाप्त हो चुका है।

इसके साथ ही भारत ने पाक उच्चायोग के 25 अतिरिक्त कर्मचारियों को भी निकालने का आदेश दिया है। 1 मई 2025 तक पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया गया कि उसकी राजनयिक उपस्थिति को 55 से घटाकर 30 किया जाए।

इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए 'सार्क वीज़ा छूट योजना' को भी रद्द कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब कोई पाकिस्तानी नागरिक भारत में बिना कड़ी जांच के प्रवेश नहीं कर पाएगा। जो नागरिक पहले से भारत में हैं, उन्हें वापस भेजा जा रहा है।


Read More: